नयी दिल्ली, चार अप्रैल (भाषा) खाद्य सचिव संजीव चोपड़ा ने बृहस्पतिवार को कहा कि सरकार के पास एथनॉल उत्पादन के लिए अनाज आधारित भट्टियों को सब्सिडी वाले चावल की बिक्री फिर से शुरू करने का कोई प्रस्ताव नहीं है।
चोपड़ा ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘पिछले साल जुलाई से चावल को एथनॉल उत्पादन के लिए नहीं भेजा गया है। उस नीति पर दोबारा विचार करने का फिलहाल कोई प्रस्ताव नहीं है।’’
वह इस सवाल का जवाब दे रहे थे कि क्या सरकार वर्ष 2024-25 सत्र (अक्टूबर-सितंबर) में चीनी उत्पादन में संभावित गिरावट की खबरों के बीच निकट भविष्य में एथनॉल के लिए सब्सिडी वाले चावल की बिक्री फिर से शुरू करने की योजना बना रही है।
उन्होंने कहा कि एथनॉल निर्माताओं के लिए चावल की बिक्री विभिन्न कारणों से बंद कर दी गई थी, जिसमें घरेलू उत्पादन और उच्च खुदरा कीमतों और आर्थिक अस्थिरता के बारे में आशंकाएं शामिल थीं।
अनाज आधारित भट्टियों में निवेश पर प्रभाव को लेकर चोपड़ा ने कहा, ‘‘यह कोई पत्थर पर बनी नीति नहीं है। इस नीति का नवीनीकरण किया जाएगा… एथनॉल उत्पादन के लिए मक्के को प्रोत्साहित किया जा रहा है।’’
फिलहाल मक्के से बनने वाले एथनॉल में भारी उछाल देखने को मिल रहा है। उन्होंने कहा कि आपूर्ति वर्ष 2024-25 में मक्के से बने लगभग 50 करोड़ लीटर एथनॉल की आपूर्ति की गई है।
उन्होंने कहा कि जिस उद्योग ने अनाज आधारित भट्टियां लगाई हैं, उन्हें एथनॉल उत्पादन के लिए मक्के का उपयोग करना चाहिए।
अगले सत्र में चीनी उत्पादन में संभावित गिरावट पर सचिव ने कहा, ‘‘सरकार जागरूक और चिंतित है।’’ हालांकि अभी, अगले सत्र के लिए किसी भी प्रकार के चीनी उत्पादन के आंकड़ों की भविष्यवाणी करना जल्दबाजी होगा। ‘‘हमें 2024-25 सत्र के लिए अगस्त के दौरान उत्पादन के बारे में पता चल जाएगा।‘‘
उन्होंने कहा, ‘‘महाराष्ट्र और कर्नाटक में जलाशय का स्तर पिछले वर्षों की तुलना में थोड़ा कम है। हम यह सुनिश्चित करने के लिए सतर्क हैं कि इस सत्र में हमारे पास चीनी का अंतिम स्टॉक अधिक हो।’’
सचिव ने आगे कहा कि अगले सत्र के लिए गन्ने के उचित और लाभकारी मूल्य (एफआरपी) में बढ़ोतरी किसानों के लिए बुवाई बढ़ाने का अच्छा संकेत है।
सरकार ने वर्ष 2024-25 सत्र के लिए गन्ने का एफआरपी इस सीजन के 315 रुपये प्रति क्विंटल से बढ़ाकर 340 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया है।
भाषा राजेश राजेश अजय
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