नयी दिल्ली, 31 जनवरी (भाषा) महामारी की पहली और दूसरी लहर के दौरान आवासीय बिक्री में भले ही गिरावट देखी गई लेकिन ज्यादातर शहरों में इनकी कीमतों में गिरावट नहीं हुई है। आर्थिक सर्वेक्षण 2021-22 के अनुसार इस दौरान कुछ शहरों में आवासीय दरों में वृद्धि भी हुई है।
संसद में सोमवार को पेश आर्थिक समीक्षा 2021-22 में कहा गया कि लंबित मांग आने, आवासीय ऋण पर ब्याज दर कम होने और कुछ राज्यों द्वारा स्टांप शुल्क में की गई कटौती के कारण कोरोना महामारी की दोनों लहरों के बाद आवास की मांग सुधरी है।
समीक्षा में वित्त वर्ष 2020-21 की पहली तिमाही (महामारी की पहली लहर से प्रभावित) और चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही (दूसरी लहर से प्रभावित) के बारे में नेशनल हाउसिंग बैंक के आंकड़ों का विश्लेषण किया गया है। ये आकंड़े वित्त वर्ष 2019-20 की पहली तिमाही से तुलना के आधार पर जारी किए गए हैं।
समीक्षा के मुताबिक, ‘यह देखा जा सकता है कि कोविड-19 महामारी के कारण आवास लेनदेन की गतिविधियां, कीमतों की तुलना में बहुत ज्यादा प्रभावित हुई है। इसका मतलब है कि आवासीय क्षेत्र ने यह झटका कीमतों के बजाय लेनदेन पर अधिक झेला है।’
भाषा जतिन
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