नयी दिल्ली, 22 अगस्त (भाषा) सार्वजनिक क्षेत्र की एनएमडीसी की योजना विदेशी भूमि पर लीथियम और कोबाल्ट जैसे खनिजों का खनन करने की है। इन खनिजों का उपयोग बिजली से चलने वाले वाहनों में किया जाता है। एनएमडीसी के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक सुमित देब ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
फिक्की के एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए देब ने बताया कि कंपनी की तांबा, निकल और सोने का विदेशों में भी खनन करने की योजना है। उन्होंने बताया कि एनएमडीसी ऑस्ट्रेलिया में लिथियम, निकल और कोबाल्ट का लेगेसी आयरन ओर लिमिटेड के जरिए खनन करना चाहती है। इन खनिजों का इस्तेमाल इलेक्ट्रिक वाहनों में किया जाता है।
पर्थ की कंपनी लेगेसी आयरन ओर लिमिटेड सोना, लौह अयस्क और मूलभूत धातुओं का खनन करती है। इस कंपनी में एनएमडीसी की 90.02 फीसदी इक्विटी है। कंपनी की योजना अफ्रीका, तंजानिया और जिम्बॉब्वे जैसे देशों में सोने और तांबे जैसे खनिजों का खनन करने की भी है।
देब ने बताया कि एनएमडीसी को कर्नाटक में खनन अधिकार मिले हैं और अब वह भारत में लिथियम भंडार का अन्वेषण करेगी।
देश की सबसे बड़ी लौह अयस्क उत्पादक और विक्रेता एनएमडीसी ने बृहस्पतिवार को ‘लंप’ अयस्क (ढेले के रूप में) की कीमतों में तत्काल प्रभाव से 200 रुपये प्रति टन की वृद्धि की थी। इसके अलावा ‘फाइंस’ अयस्क (चूरे) की कीमत में 100 रुपये प्रति टन की बढ़ोतरी की गई। कंपनी ने लंप अयस्क का दाम 4,100 रुपये प्रति टन और फाइंस 2,910 रुपये प्रति टन तय किया है।
देब ने दामों में वृद्धि को मामूली बताया। उन्होंने कहा कि लौह अयस्क की मांग दूसरी तिमाही से बढ़ने लगेगी।
भाषा मानसी पाण्डेय
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