नयी दिल्ली, दो जुलाई (भाषा) सार्वजनिक क्षेत्र की लौह अयस्क उत्पादक एनएमडीसी महत्वपूर्ण खनिज ब्लॉकों के अपतटीय अधिग्रहण का सक्रिय रूप से मूल्यांकन कर रही है। कंपनी के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक (सीएमडी) अमिताव मुखर्जी ने कहा कि इससे वैश्विक मूल्य शृंखला में कंपनी की उपस्थिति मजबूत होगी।
एंटीमनी, लिथियम, कोबाल्ट, तांबा जैसे महत्वपूर्ण खनिज सौर पैनल, पवन चक्की, इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) और ऊर्जा भंडारण प्रणालियों जैसी स्वच्छ ऊर्जा प्रौद्योगिकियों के लिए जरूरी हैं।
भारत ने उनकी दीर्घकालिक उपलब्धता और प्रसंस्करण सुनिश्चित करने के लिए राष्ट्रीय महत्वपूर्ण खनिज मिशन (एनसीएमएम) शुरू किया है।
मुखर्जी ने कहा, “अपनी वैश्विक खनिज विविधीकरण रणनीति के तहत, एनएमडीसी वैश्विक स्तर पर 10 रणनीतिक खनिज परिसंपत्तियों में अधिग्रहण के अवसरों का सक्रिय रूप से मूल्यांकन कर रही है। एनएमडीसी वैश्विक महत्वपूर्ण खनिज मूल्य शृंखला में अपनी उपस्थिति को मजबूत करने के लिए अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण अमेरिका में महत्वपूर्ण खनिज ब्लॉक अधिग्रहण की संभावनाएं तलाश रही है।”
दुबई में एनएमडीसी कार्यालय के उद्घाटन के मौके पर उन्होंने कहा कि यह शहर वैश्विक अवसरों का प्रवेश द्वार है और नया कार्यालय, कंपनी के खनन परिदृश्य को दोबारा परिभाषित करने के लिए तैयार है।
मुखर्जी ने पीटीआई-भाषा से कहा, “अपने विस्तार के साथ हम खनिज विकास के प्रति अपने दृष्टिकोण में क्रांतिकारी बदलाव ला रहे हैं, खनन उद्योग में भारत को अग्रणी स्थान दिला रहे हैं, तथा संसाधन उपयोग में नवाचार को बढ़ावा दे रहे हैं।”
केंद्रीय मंत्री एच डी कुमारस्वामी ने इस सप्ताह दुबई में एनएमडीसी कार्यालय का उद्घाटन किया।
इस्पात मंत्रालय के अधीन हैदराबाद स्थित एनएमडीसी भारत के कुल लौह अयस्क उत्पादन में लगभग 17-20 प्रतिशत का योगदान देता है।
सरकार ने जुलाई, 2023 में भारत के लिए 30 महत्वपूर्ण खनिजों की सूची जारी की थी। इनमें एंटीमनी, बेरिलियम, बिस्मथ, कोबाल्ट, तांबा, गैलियम, लिथियम, मोलिब्डेनम, नियोबियम, निकल आदि शामिल हैं।
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