(अभिषेक सोनकर)
नयी दिल्ली, 15 अगस्त (भाषा) सार्वजनिक क्षेत्र की खनन कंपनी एनएमडीसी के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक सुमित देब ने कहा कि कंपनी की नई इस्पात परियोजनाओं में निवेश की कोई योजना नहीं है और वह अपना पूरा ध्यान खनन क्षेत्र पर ही केंद्रित रखेगी।
देब ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा कि एनएमडीसी देश के महत्वाकांक्षी इस्पात उत्पादन कार्यक्रम को समर्थन देने की खातिर 2030 तक लौह अयस्क उत्पादन बढ़ाकर 10 करोड़ टन करना चाहती है।
उन्होंने कहा कि देश में और वैश्विक स्तर पर भी एनएमडीसी अपनी स्थिति एक मजबूत खनन कंपनी के तौर पर बनाएगी। उन्होंने कहा कि कंपनी की इस्पात क्षेत्र में दिलचस्पी नहीं है।
गौरतलब है कि एनएमडीसी को छत्तीसगढ़ में उसके निर्माणाधीन नगरनार इस्पात संयंत्र की बिक्री की मंजूरी अक्टूबर 2020 में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने दी थी।
एनएमडीसी के चेयरमैन ने कहा, ‘‘देश की महत्वाकांक्षी इस्पात उत्पादन योजना के तहत हमारा लक्ष्य 2030 तक सालाना उत्पादन बढ़ाकर 10 करोड़ टन करने का है। 2030 तक 30 करोड़ टन इस्पात उत्पादन के लिए आज की तुलना में तीन गुना अधिक लौह अयस्क की आवश्यकता होगी।’’
वित्त वर्ष 2021-22 में उनकी कंपनी ने रिकॉर्ड 4.2 करोड़ टन लौह अयस्क का उत्पादन किया जो इससे पिछले वित्त वर्ष में 3.4 करोड़ टन था।
भाषा
मानसी रमण
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