नई दिल्ली: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को कहा कि अडाणी ग्रुप के स्टॉक गिरने और फॉलो-ऑन पब्लिक ऑफर (एफपीओ) वापस लेने से भारत की स्थिति और छवि पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा.
वित्त मंत्री ने शनिवार को मुंबई में 2023-24 बजट के बाद के सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा नियामक सरकार से स्वतंत्र होते हैं और वो सभी फैसले लेने की स्वतंत्रता है जो बाजार के लिए सही होते है.
उन्होंने आगे कहा, ‘यह पहली बार नहीं है जब एफपीओ को वापस लिया गया है. इससे कितनी बार देश की छवि प्रभावित हुई है?’
बता दें कि लगातार अडाणी ग्रुप के स्टॉक गिरने के कारण अडाणी एंटरप्राइजेज लिमिटेड (एईएल) के बोर्ड ने पूरी तरह से सब्सक्राइब किए गए 20,000 करोड़ के एफपीओ को वापस ले लिया. साथ ही जिन लोगों ने अब तक एफपीओ को सब्सक्राइब किया है, उनके पैसे वापस लौटा दिए जाएंगे.
सीतारमण ने कहा, ‘हमारा व्यापक आर्थिक बुनियादी आधार या हमारी अर्थव्यवस्था की छवि, इनमें से कोई भी प्रभावित नहीं हुई है. हां, एफपीओ आते रहते हैं और एफआईआई बाहर निकलते रहते हैं.”
उन्होंने कहा कि हर बाजार में ‘उतार-चढ़ाव’ होता है, लेकिन पिछले कुछ दिनों में हुई वृद्धि इस तथ्य को साबित करती है कि भारत और उसकी ताकत को लेकर भरोसा बरकरार है.
बता दें कि हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में उद्योगपति गौतम अडाणी की अगुवाई वाले ग्रुप पर ‘खुले तौर पर शेयरों में गड़बड़ी और लेखा धोखाधड़ी’ में शामिल होने का आरोप लगाया गया था. आरोप के बाद विविध कारोबार से जुड़े अडाणी ग्रुप की सूचीबद्ध कंपनियों के शेयरों में बड़ी गिरावट आई.
मुंबई में आज की प्रेस कॉन्फ्रेंस में भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) के अडाणी ग्रुप के जोखिम के बारे में एक प्रश्न को संबोधित करते हुए, केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘एलआईसी ने खुद कंपनी (अडाणी) के लिए अपने जोखिम के मुद्दे पर बात की है.’
वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार रिकवरी को बनाए रखना चाहती है जिसने भारत को विकास के अच्छे स्तर पर रखा है.
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