नयी दिल्ली, एक मार्च (भाषा) एचसीएल फाउंडेशन की निदेशक निधि पुंढीर ने कहा है कि कंपनियों द्वारा कॉरपोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (सीएसआर) खर्च के लिए सरकार द्वारा अधिसूचित विस्तृत प्रकटीकरण ढांचा एक सकारात्मक कदम है, क्योंकि इससे पारदर्शिता बढ़ेगी।
पुंढीर ने पीटीआई-भाषा से कहा कि हालांकि सरकार ने इस साल इसके प्रारूप को अधिसूचित किया है, लेकिन एचसीएल टेक्नोलॉजीज की सीएसआर शाखा – एचसीएल फाउंडेशन 2015-16 से ही अपने सीएसआर खर्च के विवरण का खुलासा कर रही है।
उन्होंने कहा, ‘‘यह एक बहुत अच्छी बात है। यह एक बहुत ही सकारात्मक कदम है।’’ एचसीएल फाउंडेशन ने सीएसआर कानून को अपनाया है।
पुंढीर ने कहा कि सीएसआर गतिविधियों के संचालन के लिए 10 नियमों के साथ एक नई सीएसआर नीति भी लागू की गई है।
सरकार द्वारा अधिसूचित कॉरपोरेट सामाजिक दायित्व (सीएसआर) खर्च के लिए नए खुलासा या प्रकटीकरण ढांचे से विश्लेषणात्मक कार्यों में मदद मिलेगी और खर्च के संबंध में अधिक पारदर्शिता आएगी।
लाभप्रद कंपनियों के लिए सीएसआर व्यवस्था अप्रैल, 2014 में लागू हुई थी और 30 सितंबर, 2021 तक उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक चालू वित्त वर्ष के दौरान इन कार्यों के लिए 8,828.11 करोड़ रुपये खर्च किए जा चुके हैं।
इस महीने की शुरुआत में कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय ने फॉर्म सीएसआर -2 (कॉरपोरेट सामाजिक दायित्व पर रिपोर्ट) को अधिसूचित किया। इस फॉर्म का मकसद सीएसआर खर्च के बारे में बारीक विवरण हासिल करना है, जो विश्लेषणात्मक उद्देश्यों के लिए जरूरी है। इससे हितधारकों को यह जानने में भी मदद मिलेगी कि कंपनियां अपने सीएसआर दायित्वों के साथ क्या कर रही हैं। नई खुलासा आवश्यकताओं का मकसद कंपनियों की गतिविधियों में अधिक पारदर्शिता लाना है।
भाषा पाण्डेय
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