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Wednesday, 18 September, 2024
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नए सीएसआर खुलासा ढांचे से डेटा विश्लेषण में मदद मिलेगी, पारदर्शिता बढ़ेगी

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नयी दिल्ली, 20 फरवरी (भाषा) कंपनियों द्वारा कॉरपोरेट सामाजिक दायित्व (सीएसआर) खर्च के लिए नए खुलासा या प्रकटीकरण ढांचे से विश्लेषणात्मक कार्यों में मदद मिलेगी और खर्च के संबंध में अधिक पारदर्शिता आएगी।

लाभप्रद कंपनियों के लिए सीएसआर व्यवस्था अप्रैल, 2014 में लागू हुई थी और 30 सितंबर, 2021 तक उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक चालू वित्त वर्ष के दौरान इन कार्यों के लिए 8,828.11 करोड़ रुपये खर्च किए जा चुके हैं।

कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय द्वारा बनाए गए राष्ट्रीय सीएसआर डेटा पोर्टल के अनुसार, वित्त वर्ष 2020-21 में खर्च की गई राशि 20,360 करोड़ रुपये है। हालांकि, यह आंकड़ा अधिक होने की संभावना है क्योंकि कॉरपोरेट के पास सीएसआर से संबंधित जानकारी देने के लिए मार्च तक का समय है।

इस महीने की शुरुआत में मंत्रालय ने फॉर्म सीएसआर -2 (कॉरपोरेट सामाजिक दायित्व पर रिपोर्ट) को अधिसूचित किया।

अधिकारी ने कहा कि फॉर्म की शुरुआत का मकसद सीएसआर खर्च के बारे में बारीक विवरण हासिल करना है, जो विश्लेषणात्मक उद्देश्यों के लिए जरूरी है। इससे हितधारकों को यह जानने में भी मदद मिलेगी कि कंपनियां अपने सीएसआर दायित्वों के साथ क्या कर रही हैं।

यह फॉर्म मशीन पठनीय प्रारूप में होगा और इसका डेटा सीएसआर पोर्टल पर भी उपलब्ध कराया जाएगा।

फॉर्म को लेकर यह चिंता भी जताई गई है कि नई प्रकटीकरण जरूरतों से कंपनियों के लिए अनुपालन बोझ बढ़ सकता है।

अधिकारी ने कहा कि नई खुलासा आवश्यकताओं का मकसद कंपनियों की गतिविधियों में अधिक पारदर्शिता लाना है।

भाषा पाण्डेय अजय

अजय

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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