नयी दिल्ली, एक अप्रैल (भाषा) नागर विमानन मंत्री के राममोहन नायडू ने मंगलवार को कहा कि विमान संपत्तियों में हित संरक्षण विधेयक, 2025 से भारतीय विमान पट्टा उद्योग को मजबूती मिलेगी और देश का बैंक परिवेश सुदृढ़ होगा। इसका कारण इससे पट्टे के नियमों में विसंगतियां दूर होंगी।
नायडू ने राज्यसभा में विधेयक पारित होने के तुरंत बाद यह भी कहा कि विमान पट्टा उद्योग को बढ़ावा देना और मजबूती प्रदान करना समय की मांग है।
प्रस्तावित कानून का मकसद केप टाउन समझौते के लिए कानूनी समर्थन प्रदान करना है जो मुख्य रूप से विमानों के पट्टे से संबंधित है।
उन्होंने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा है कि लंबे समय से, पट्टे के नियमों में विसंगतियों ने भारत में विमानों को पट्टे पर देना मुश्किल बना दिया है।
उन्होंने कहा, ‘‘यह विधेयक भारतीय पट्टा उद्योग को बढ़ावा देगा, घरेलू पट्टेदारों को प्रोत्साहित करेगा और हमारे बैंकिंग परिवेश को मजबूत करेगा। कुल मिलाकर यह एक अधिक सुलभ और आरामदायक विमानन परिदृश्य सुनिश्चित करेगा। पट्टा उद्योग को बढ़ावा देना समय की मांग है…।’’
भारत दुनिया के सबसे तेजी से बढ़ते नागर विमानन बाजारों में से एक है और घरेलू विमानन कंपनियों ने 1,200 से अधिक विमानों के लिए ऑर्डर दिये हैं।
केप टाउन समझौते के तहत, पट्टेदार एयरलाइन कंपनियों को पट्टे पर दिए गए विमानों को वापस ले सकते हैं।
उल्लेखनीय है कि जब गो फर्स्ट दिवाला समाधान प्रक्रिया से गुजर रही थी, तो उस पर रोक लगा दी गई थी और पट्टेदार एयरलाइन को पट्टे पर दिए गए अपने विमान वापस नहीं ले पा रहे थे। बाद में, एक अस्थायी व्यवस्था लागू की गई, जिससे संबंधित पट्टेदारों को गो फर्स्ट से अपने पट्टे पर लिए गए विमान वापस लेने की अनुमति मिल गई।
भारत ‘केप टाउन समझौते’ का एक हस्ताक्षरकर्ता देश है, लेकिन उसने अभी तक संधि की पुष्टि नहीं की है। एक बार जब संसद द्वारा विधेयक को मंजूरी दे दी जाती है और कानून बन जाता है, तो संधि को भारत में कानूनी समर्थन मिल जाएगा।
भाषा रमण अजय
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