नयी दिल्ली, चार जून (भाषा) नीदरलैंड बीते वित्त वर्ष में अमेरिका और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के बाद भारत का तीसरा सबसे बड़ा निर्यात गंतव्य रहा है। वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़े से यह जानकारी मिली है।
पिछले वित्त वर्ष में नीदरलैंड में जिन वस्तुओं के निर्यात में अच्छी वृद्धि दर्ज की गई उनमें पेट्रोलियम उत्पाद (14.29 अरब डॉलर), बिजली के सामान, रसायन और औषधि शामिल हैं।
नीदरलैंड के साथ भारत का व्यापार अधिशेष पिछले वित्त वर्ष में बढ़कर 17.4 अरब डॉलर रहा, जो 2022-23 में 13 अरब अमेरिकी डॉलर था।
नीदरलैंड ने ब्रिटेन, हांगकांग, बांग्लादेश और जर्मनी जैसे प्रमुख गंतव्यों को पीछे छोड़ दिया है।
आंकड़ों के अनुसार, नीदरलैंड में भारत का निर्यात 2023-24 में लगभग 3.5 प्रतिशत बढ़कर 22.36 अरब डॉलर रहा जबकि 2022-23 में यह 21.61 अरब डॉलर था।
वित्त वर्ष 2021-22 और 2020-21 में यूरोपीय देश को निर्यात क्रमशः 12.55 अरब डॉलर और 6.5 अरब डॉलर था।
वित्त वर्ष 2021-22 में नीदरलैंड भारतीय निर्यात के लिए पांचवां सबसे बड़ा गंतव्य था, जबकि 2020-21 में नौवां सबसे बड़ा गंतव्य था।
व्यापार विशेषज्ञों के अनुसार, नीदरलैंड बेहतर बंदरगाह और सड़क, रेलवे तथा जलमार्गों के बेहतर नेटवर्क से यूरोपीय संघ से संपर्क के साथ यूरोप के लिए एक केंद्र के रूप में उभरा है।
मुंबई के निर्यातक और टेक्नोक्राफ्ट इंडस्ट्रीज के चेयरमैन शरद कुमार सर्राफ ने कहा कि निर्यात में बढ़ोतरी का सिलसिला आगे भी जारी रहेगा।
उन्होंने कहा कि नीदरलैंड, यूरोप के लिए प्रवेश द्वारा है। इसका कारण इसके बंदरगाहों का बेहतर होना है।
वित्त वर्ष 2023-24 में दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार मामूली घटकर 27.34 अरब डॉलर रहा जो 2022-23 में 27.58 अरब डॉलर था।
यूरोप में जर्मनी, स्विट्जरलैंड, ब्रिटेन और बेल्जियम के बाद नीदरलैंड भारत के शीर्ष व्यापारिक साझेदारों में से एक है।
यह भारत में एक प्रमुख निवेशक भी है। पिछले वित्त वर्ष के दौरान भारत को नीदरलैंड से लगभग पांच अरब डॉलर का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश प्राप्त हुआ। 2022-23 में यह 2.6 अरब डॉलर था।
भारत में नीदरलैंड की 200 से अधिक कंपनियां काम कर रही हैं। इनमें फिलिप्स, एक्जो नोबेल, डीएसएम, केएलएम और राबो बैंक शामिल हैं। इसी तरह नीदरलैंड में 200 से अधिक भारतीय कंपनियां काम कर रही हैं, जिनमें टीसीएस, एचसीएल, विप्रो, इन्फोसिस, टेक महिंद्रा के साथ-साथ सन फार्मास्युटिकल्स और टाटा स्टील शामिल हैं।
भाषा रमण अजय
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