गुरुग्राम, 22 अप्रैल (भाषा) नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री प्रल्हाद जोशी ने मंगलवार को कहा कि राज्यों के साथ 40 गीगावाट नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता के लिए बिजली खरीद समझौते (पीपीए) पर हस्ताक्षर को लेकर बातचीत चल रही है। यह क्षमता जल्दी ही ‘ऑनलाइन’ आने की उम्मीद है।
जोशी ने यहां राष्ट्रीय सौर ऊर्जा संस्थान में सौर पीवी मॉड्यूल परीक्षण सुविधा के उद्घाटन के मौके पर संवाददाताओं से कहा, ‘‘हम 2030 तक 500 गीगावाट के लक्ष्य को पूरा करने के लिए सालाना 50 गीगावाट नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता का लक्ष्य बना रहे हैं। कुल लक्ष्य में 292 गीगावाट सौर ऊर्जा क्षमता शामिल है।’’
देश में 2024-25 में 29.52 गीगावाट (एक गीगावाट बराबर 1,000 मेगावाट) नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता जोड़ी गयी।
नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री ने कहा कि 2032 तक बिजली की अधिकतम मांग वर्तमान स्तर से दोगुनी हो जाएगी।
बिजली की अधिकतम मांग बीते वर्ष मई में 250 गीगावाट के अबतक के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई थी। बिजली मंत्रालय ने इन गर्मियों में बिजली की अधिकतम मांग 270 गीगावाट तक जाने का अनुमान लगाया है।
जोशी ने कहा कि भारत को उपलब्ध भूमि संसाधनों से सौर ऊर्जा उत्पादन को अधिकतम करने के लिए अनूठे उपाय करने की जरूरत है।
मंत्री ने ऊंची इमारतों में उपलब्ध सीमित स्थान से सौर ऊर्जा उत्पन्न करने के लिए कांच जैसी निर्माण सामग्री का उपयोग करने के लिए अभिनव समाधान का उपयोग करने का भी आह्वान किया।
उन्होंने कहा कि 40 गीगावाट नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं के लिए बिजली खरीद समझौते पर हस्ताक्षर करने को लेकर राज्यों के साथ बातचीत चल रही है।
जोशी ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना के तहत 12 लाख परिवार ने छतों पर सौर ऊर्जा प्रणाली स्थापित की है।
इससे पहले, मंत्री ने कहा कि भारत पहले ही 106 गीगावाट सौर और 51 गीगावाट पवन ऊर्जा उत्पादन क्षमता हासिल कर चुका है।
उन्होंने देश में सौर इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग स्टेशनों की आवश्यकता बतायी। वर्तमान में ईवी को पारंपरिक ऊर्जा से चार्ज किया जा रहा है। जोशी ने कहा कि इलेक्ट्रिक वाहनों को हरित ऊर्जा से चार्ज किया जाना चाहिए।
जोशी ने कहा कि इस प्रयोगशाला के साथ, राष्ट्रीय सौर ऊर्जा संस्थान (एनआईएसई) अब व्यापक परीक्षण और प्रमाणन सेवाएं प्रदान करने में सक्षम है, विशेष रूप से फोटोवोल्टिक मॉड्यूल और प्रौद्योगिकियों के लिए जहां वर्तमान में कोई स्थापित मानक मौजूद नहीं हैं। यह भारत में एक अग्रणी केंद्र है।
जोशी ने कहा कि जैसे-जैसे भारतीय कंपनियां बड़े मॉड्यूल का उत्पादन बढ़ा रही हैं, यह संस्थान सुनिश्चित करेगा कि भारतीय उत्पाद उच्चतम मानकों का पालन करें।
उन्होंने बताया कि यह संस्थान भारत की पीएलआई योजना और देश की वैश्विक विनिर्माण केंद्र बनने की महत्वाकांक्षा को गति देगा।
भाषा रमण अजय
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