नयी दिल्ली, 28 अगस्त (भाषा) मारुति सुजुकी इंडिया के चेयरमैन आर. सी. भार्गव ने बृहस्पतिवार को कहा कि देश को शुल्क के मामले में अमेरिका की धौंस के आगे झुकना नहीं चाहिए। देश को अपनी गरिमा बनाए रखनी चाहिए और एकजुट होना चाहिए।
कंपनी की 44वीं वार्षिक आम बैठक (एजीएम) में शेयरधारकों को संबोधित करते हुए भार्गव ने अमेरिकी शुल्क के कारण हाल के महीनों में वैश्विक अनिश्चितता के बारे में बात की।
भार्गव ने कहा, ‘‘ अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कई मायनों में देशों को अपनी पारंपरिक नीतियों एवं संबंधों पर पुनर्विचार करने के लिए मजबूर किया है। कूटनीति में शुल्क का व्यक्तिगत इस्तेमाल पहली बार देखने को मिल रहा है।’’
भारतीय वस्तुओं पर अमेरिका का 50 प्रतिशत शुल्क 27 अगस्त से प्रभावी हो गया। इससे झींगा, परिधान, हीरे, चमड़ा एवं जूते चप्पल तथा रत्न व आभूषण जैसे श्रम-प्रधान क्षेत्रों में निर्यात तथा रोजगार सृजन पर असर पड़ेगा।
उन्होंने कहा, ‘‘ मेरा मानना है कि भारतीय होने के नाते यह हमारा कर्तव्य है कि हम अपनी गरिमा एवं सम्मान को बनाए रखने के लिए सर्वश्रेष्ठ प्रयास करें और इस मामले में किसी भी प्रकार की धौंस-धमकी के आगे न झुकें… राष्ट्र को इस समय एकजुट होना होगा।’’
एक सरकारी अधिकारी ने बृहस्पतिवार को कहा कि सरकार निर्यातकों की मदद के लिए निर्यात संवर्धन मिशन को तेजी से लागू करने का प्रयास कर रही है। यह बयान अमेरिका के भारतीय निर्यात पर कुल 50 प्रतिशत शुल्क लगाए जाने के एक दिन बाद आया है।
भार्गव ने साथ ही माल एवं सेवा कर (जीएसटी) के पुनर्गठन की घोषणा को एक बड़ा आर्थिक सुधार करार दिया।
उन्होंने कहा, ‘‘ हम सभी को उम्मीद है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा रखे गए प्रस्ताव के परिणामस्वरूप छोटी कारों पर माल एवं सेवा कर (जीएसटी) घटकर 18 प्रतिशत हो जाएगा लेकिन हमें आधिकारिक घोषणा होने तक इंतजार करना होगा। यह खुशी की बात है कि सरकार ने यह माना है कि बाजार के निचले स्तर पर बड़ी संख्या में उपभोक्ता हैं और उन्हें इस कठिन समय में कुछ मदद की जरूरत है।’’
भार्गव ने कहा, ‘‘ मुझे उम्मीद है जीएसटी परिषद की मंजूरी के बाद, हम छोटी कार बाजार में पुनरुत्थान देखेंगे।’’
केंद्र ने जीएसटी दरों को युक्तिसंगत बनाने पर गठित मंत्रिसमूह (जीओएम) के समक्ष पांच प्रतिशत और 18 प्रतिशत की दो-स्तरीय जीएसटी संरचना के साथ-साथ कुछ चुनिंदा वस्तुओं पर 40 प्रतिशत की विशेष दर का प्रस्ताव रखा है।
जीएसटी वर्तमान में 5, 12, 18 और 28 प्रतिशत की दर से लगाया जाता है। खाद्य एवं आवश्यक वस्तुओं पर शून्य या पांच प्रतिशत कर लगता है, जबकि विलासिता तथा अहितकर वस्तुओं पर 28 प्रतिशत कर लगता है। इसके अतिरिक्त उपकर भी लगाया जाता है।
मोटर वाहन पर वर्तमान में 28 प्रतिशत की दर से कर लगता है, जो जीएसटी का सबसे अधिक दर वाला स्लैब है। वाहन के प्रकार के आधार पर इस दर पर अतिरिक्त एक से 22 प्रतिशत तक का क्षतिपूर्ति उपकर लगाया जाता है।
इंजन क्षमता और लंबाई के आधार पर कारों पर कुल कर पेट्रोल की छोटी कारों पर 29 प्रतिशत से लेकर एसयूवी पर 50 प्रतिशत तक है। इलेक्ट्रिक वाहनों पर पांच प्रतिशत की दर से कर लगता है।
भार्गव ने साथ ही कहा कि चाहे अमेरिका हो, यूरोप हो, चीन हो या दक्षिण कोरिया हो, इलेक्ट्रिक कारें और हाइब्रिड कारों का चलन हर जगह बढ़ रहा है।
उन्होंने कहा, ‘‘ यूरोप और अमेरिका में इलेक्ट्रिक कारों व हाइब्रिड कारों पर कराधान बहुत समान है। भारत में, हमारा मानना है कि कराधान प्रणाली द्वारा प्रौद्योगिकियों को प्रोत्साहित करने की आवश्यकता है, न केवल इलेक्ट्रिक वाहन प्रौद्योगिकी बल्कि ऐसी कोई भी प्रौद्योगिकी जो स्वच्छ कारों, तेल की खपत में कमी, वायु प्रदूषण में कमी और हमें शुद्ध रूप से शून्य कार्बन उत्सर्जन की ओर ले जाए।’’
दुर्लभ खनिज की कमी के मुद्दे को ‘चेतावनी का एक संकेत’ बताते हुए उन्होंने कहा कि सरकार के हस्तक्षेप से यह मामला सुलझता दिख रहा है।
उन्होंने कहा, ‘‘ हमारी सरकार ने ब्रिटेन के साथ एक ऐतिहासिक मुक्त व्यापार समझौता किया है और यह भविष्य के समझौतों के लिए एक आदर्श बन सकता है।’’
भाषा निहारिका रमण
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