(राजेश राय)
ब्रेसिया, पांच जून (भाषा) वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने बृहस्पतिवार को कहा कि दुनिया को महत्वपूर्ण खनिजों और उनकी आपूर्ति शृंखलाओं के कुछ ही भौगोलिक क्षेत्रों तक सीमित होने के जोखिम को पहचानना चाहिए।
उन्होंने चेतावनी दी कि इससे देशों के आर्थिक विकास को नुकसान पहुंच सकता है।
गोयल ने कहा कि भारत और इटली इस क्षेत्र में सहयोग बढ़ा सकते हैं।
इटली के उप प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री एंटोनियो तजानी ने भी कहा कि दोनों देशों के निजी क्षेत्र इस क्षेत्र में संयुक्त उद्यम बनाने पर विचार कर सकते हैं।
गोयल ने यहां संवाददाताओं से कहा, “कल मैंने इतालवी कंपनियों से मुलाकात की जो पहले से ही महत्वपूर्ण खनिजों के प्रसंस्करण पर काम कर रही हैं। मुझे लगता है कि यह महत्वपूर्ण है कि दुनिया महत्वपूर्ण खनिजों के खतरे को पहचाने, और आपूर्ति और प्रसंस्करण केवल विशेष भौगोलिक क्षेत्रों तक ही सीमित हो, जो किसी भी समय आर्थिक विकास को नुकसान पहुंचा सकता है।”
उन्होंने कहा कि भारत नवाचारों के लिए अनुसंधान एवं विकास करने तथा वैकल्पिक और बेहतर समाधान खोजने के लिए स्टार्टअप को प्रोत्साहित करने जैसे कदम उठा रहा है।
मंत्री ने कहा कि इससे ‘कुछ महत्वपूर्ण खनिजों पर हमारी अत्यधिक निर्भरता और निर्भरता को कम करने में मदद मिलेगी।’
उन्होंने कहा कि हम अभी भी इस बात पर निर्णय लेने की स्थिति में हैं कि यह कैसे आगे बढ़ेगा, यह किस मार्ग से आगे बढ़ेगा और कौन से देश इसका वित्तीय रूप से और अधिकार के माध्यम से समर्थन करेंगे।
कोबाल्ट, तांबा, लिथियम, निकल और दुर्लभ मृदा जैसे महत्वपूर्ण खनिज, पवन चक्की से लेकर इलेक्ट्रिक वाहनों तक स्वच्छ ऊर्जा प्रौद्योगिकियों के उत्पादन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
चीन ने दुनिया भर में महत्वपूर्ण खनिज भंडार हासिल कर लिए हैं।
भाषा अनुराग रमण
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