नयी दिल्ली, 29 जनवरी (भाषा) सिर्फ पूंजीगत लाभ, लाभांश या ब्याज आय पर कर देने वाले आयकरदाताओं के लिए बजट में सरल आयकर रिटर्न फॉर्म लाया जाना चाहिए।
विशेषज्ञों ने यह राय देते हुए कहा कि पूंजीगत लाभ कर व्यवस्था को भी युक्तिसंगत बनाने की जरूरत है।
आयकर कानून के तहत पूंजीगत संपत्ति के हस्तांतरण पर होने वाले लाभ (चल और अचल दोनों) पर पूंजीगत लाभ के तहत कर लगाया जाता है। अलग-अलग परिसंपत्ति वर्ग के लिए कर की दर अलग-अलग है।
इसके अलावा परिसंपत्ति को पास में रखने के आधार पर लघु या दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ के रूप में वर्गीकृत किया जाता है।
भारत में पूंजी बाजार तेजी से बढ़ रहा है और कंपनियां धन जुटाने के लिए आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) का रास्ता अपना रही हैं। ऐसे में व्यापक मांग है कि पूंजीगत लाभ कर संरचना को सुव्यवस्थित किया जाए।
डेलॉयट इंडिया के भागीदार रोहिंटन सिधवा ने कहा कि विभिन्न प्रकार की संपत्तियों के लिए होल्डिंग अवधि और विभिन्न प्रकार की पूंजीगत संपत्तियों के लिए कर दरों को सरल बनाना चाहिए।
नांगिया एंडरसन एलएलपी के कर लीडर अरविंद श्रीवत्सन ने कहा कि भारत में कई स्टार्टअप कंपनियां फिर से शुरू हो रही हैं और निवेशकों ने पूंजीगत लाभ व्यवस्था को वैश्विक मानकों के अनुरूप बनाने की मांग की है।
भाषा पाण्डेय अजय
अजय
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.