वाशिंगटन, 22 फरवरी (भाषा) भारत के भविष्य के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) संभावनाओं से भरा क्षेत्र है जिसके समुचित दोहन के लिए स्वास्थ्य, शिक्षा एवं बैंकिंग क्षेत्रों में एआई समाधान लाने के लिए प्रधानमंत्री के स्तर पर निजी क्षेत्र को प्रोत्साहन देने की जरूरत है।
अमेरिका की प्रतिष्ठित स्टैनफर्ड यूनिवर्सिटी में मानद प्रोफेसर आरोग्यस्वामी पॉलराज ने पीटीआई-भाषा को दिए एक साक्षात्कार में यह राय जताई। उन्होंने कहा कि भारत की ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाली विशाल आबादी तक स्वास्थ्य, शिक्षा एवं बैंकिंग सुविधाएं पहुंचाने में एआई समाधान बेहद कारगर हो सकते हैं।
प्रोफेसर पॉलराज ने कहा, ‘एआई अनुप्रयोग भारत के लिए संभावनाओं से भरा हुआ क्षेत्र है। प्रधानमंत्री को उद्योग जगत से अनुरोध करना चाहिए कि स्वास्थ्य देखभाल, शिक्षा एवं बैंकिंग सेवाओं के लिए एआई एप्लिकेशन तैयार किए जाएं ताकि भारत की ग्रामीण आबादी भी लाभांवित हो सके।’
भारत सरकार में 25 वर्षों तक काम करने के बाद 1993 में स्टैनफर्ड यूनिवर्सिटी जुड़ने वाले प्रोफेसर पॉलराज 2013 में सेवानिवृत्त भी हो गए थे। लेकिन अब भी वह मानद प्रोफेसर के रूप में इस संस्थान से जुड़े हुए हैं।
वर्ष 2010 में पद्मभूषण पुरस्कार से सम्मानित प्रोफेसर पॉलराज ने कहा, ‘एआई एप्लिकेशन तैयार करना अब आसान है। मुझे लगता है कि हमें इस दिशा में मजबूती से बढ़ने की जरूरत है। सरकार बहुत धीमी रफ्तार से आगे बढ़ रही है। सरकार यह काम नहीं कर सकती है।’
उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में निजी उद्योगों को लाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कद एवं शख्सियत का सहारा लिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि इसके लिए प्रधानमंत्री मोदी को निजी क्षेत्र की एक बैठक बुलानी चाहिए।
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