नयी दिल्ली, 25 अप्रैल (भाषा) भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) के महानिदेशक एम एल जाट ने कृषि क्षेत्र में विज्ञान और साक्ष्यों पर आधारित नीति निर्माण की जरूरत पर बल दिया है।
एक आधिकारिक बयान के अनुसार, राष्ट्रीय कृषि विज्ञान अकादमी (एनएएएस) और कृषि विज्ञान उन्नति ट्रस्ट (टीएएएस) द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित एक कार्यक्रम में जाट ने यह बात कही।
उन्होंने कृषि बिरादरी से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘अमृत काल’ के दृष्टिकोण को हासिल करने में एक साथ आने का आह्वान किया।
उन्होंने किसानों के लिए स्थायी आजीविका बनाने के महत्व को रेखांकित करते हुए ‘‘कृषि में विज्ञान और साक्ष्य-आधारित नीति निर्माण की तत्काल आवश्यकता’’ पर जोर दिया।
उन्होंने कहा, ‘‘हमें वैश्विक व्यापक रुझानों के संदर्भ में उभरती कृषि मांगों का अध्ययन करना चाहिए। आंतरिक प्रणालियों और बाहरी क्षमताओं दोनों को मजबूत करना और उनका तालमेल सुनिश्चित करना एक ठोस कृषि पारिस्थितिकी तंत्र बनाने की कुंजी है।’’
जाट ने भारतीय कृषि की विविधता से उत्पन्न चुनौतियों और उन्हें संबोधित करने के लिए अच्छी तरह से योजनाबद्ध, एकीकृत दृष्टिकोण की जरूरत पर बल दिया।
कार्यक्रम के दौरान टीएएएस और एनएएएस के बीच एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए, जिसका उद्देश्य कृषि विज्ञान, अनुसंधान और नीति विकास में सहयोगी पहलों को बढ़ाना है।
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