नयी दिल्ली, 10 जून (भाषा) कपड़ा सचिव यूपी सिंह ने शुक्रवार को कहा कि तकनीकी वस्त्र देश में तेजी से बढ़ता क्षेत्र है और इसे और बढ़ावा देने के लिए उद्योग के लिए आवश्यक मानकों को अपनाए जाने की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि आने वाले समय में सरकार को घरेलू उद्योग के साथ विचार-विमर्श करके क्षेत्र के लिए गुणवत्ता नियंत्रण आदेशों के बारे में विचार करना होगा। तकनीकी वस्त्र के लिए मानकों पर आयोजित एक सम्मेलन में उन्होंने कहा, ‘‘मुझे नहीं लगता कि इस क्षेत्र के लिये हमने कोई गुणवत्ता नियंत्रण आदेश जारी किए हैं लेकिन आगे जाकर हमें ऐसा करना पड़ेगा।’’
तकनीकी वस्त्रों का उपयोग कृषि, चिकित्सा, राजमार्ग निर्माण, खेल, स्वास्थ्य एवं सुरक्षा परिधान जैसे क्षेत्रों में किया जाता है।
मानक होने पर या गुणवत्ता नियम होने पर उद्योग को वैश्विक बाजारों में पैठ बनाने और अपने उत्पादों के लिए अच्छी कीमत पाने में मदद मिलती है।
भारतीय मानक ब्यूरो के उप महानिदेशक (मानकीकरण) राजीव शर्मा ने इस कार्यक्रम में कहा कि भारत के कुल कपड़ा और परिधान उद्योग में तकनीकी वस्त्र की हिस्सेदारी करीब 19 फीसदी है।
तकनीकी वस्त्र क्षेत्र के वैश्विक कारोबार में भारत की हिस्सेदारी करीब छह फीसदी है, क्षेत्र में भारत की पैठ का स्तर करीब पांच से दस फीसदी है। शर्मा ने कहा, ‘‘लेकिन विविधता और टिकाऊपन के कारण भारत में इन उत्पादों की खपत बढ़ रही है।’’
कार्यक्रम में सीमा सड़क संगठन में महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल राजीव चौधरी ने कहा कि सड़क निर्माण में तकनीकी वस्त्र का उपयोग किया जा रहा है।
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