नयी दिल्ली, 15 अप्रैल (भाषा) राष्ट्रीय कंपनी विधि अधिकरण (एनसीएलटी) ने रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर को राहत देते हुए मुंबई मेट्रो वन प्राइवेट लि. (एमएमओपीएल) के खिलाफ एसबीआई तथा आईडीबीआई बैंक की तरफ से दायर दिवाला मामले का निपटारा कर दिया है।
मुंबई मेट्रो वन प्राइवेट लि. (एमएमओपीएल) रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड तथा मुंबई मेट्रोपॉलिटन रीजनल डेवलपमेंट अथॉरिटी (एमएमआरडीए) का संयुक्त उद्यम है। इसमें मुंबई मेट्रो वन प्राइवेट लि. की 74 प्रतिशत और एमएमआरडीए की 26 प्रतिशत हिस्सेदारी है।
रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर लि. ने सोमवार को शेयर बाजार को दी जानकारी में कहा, ‘‘ मुंबई मेट्रो वन प्राइवेट लि. (एमएमओपीएल) के खिलाफ सभी ऋणदाताओं द्वारा जारी ओटीएस (एकमुश्त ऋण निपटान) के मद्देनजर एसबीआई तथा आईडीबीआई बैंक की धारा-7 के तहत दायर याचिकाओं का निपटारा एनसीएलटी मुंबई ने कर दिया है।’’
वित्तीय ऋणदाता द्वारा स्वयं या अन्य वित्तीय ऋणदाताओं के साथ संयुक्त रूप से एक कॉरपोरेट देनदार के खिलाफ दिवाला समाधान प्रक्रिया शुरू करने के लिए दिवाला एवं ऋण शोधन अक्षमता संहिता (आईबीसी) की धारा-7 के तहत आवेदन दिया जाता है।
भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने अगस्त 2023 में मुंबई मेट्रो के खिलाफ एनसीएलटी के समक्ष 416.08 करोड़ रुपये की वसूली के लिए एक आवेदन दायर किया था। उसके बाद आईडीबीआई बैंक ने आवेदन किया था।
एसबीआई और आईडीबीआई बैंक उन छह ऋणदाताओं के संघ का हिस्सा है जिन्होंने मुंबई मेट्रो परियोजना को कर्ज दिया है।
मुंबई मेट्रो वन प्राइवेट लि. में वित्तीय संस्थानों के समूह का कुल मूल ऋण 1,711 करोड़ रुपये था।
भाषा निहारिका रमण
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