नयी दिल्ली, छह अप्रैल (भाषा) राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र स्थित रियल एस्टेट फर्म एटीएस इंफ्रास्ट्रक्चर की अनुषंगी की अनुषंगी कंपनी आनंदा डिवाइन डेवलपर्स के खिलाफ दिवाला कार्रवाई शुरू की है।
एनसीएलटी की दिल्ली स्थित दो सदस्यीय प्रधान पीठ ने 25 मार्च को आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल वेंचर द्वारा दायर 25 करोड़ रुपये के बकाया का दावा करने वाली याचिका को स्वीकार कर लिया था।
दिवाला न्यायाधिकरण ने आनंदा डिवाइन डेवलपर्स के बोर्ड को निलंबित करते हुए हरीश तनेजा को कंपनी का प्रबंधन संभालने के लिए अंतरिम समाधान पेशेवर नियुक्त किया है।
इस बीच, एटीएस इंफ्रास्ट्रक्चर ने एक बयान में कहा कि उसने आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल वेंचर के साथ विवाद को सुलझा लिया है और जल्द ही एक समझौता दाखिल किया जाएगा।
एटीएस समूह के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक गेतांबर आनंद ने कहा, ‘‘हमें आदेश की एक प्रति मिली है और हम इसका अध्ययन कर रहे हैं।’’
एनसीएलटी ने अपने 20 पृष्ठ के आदेश में कहा कि रियल्टी फर्म आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल वेंचर को 20 नवंबर, 2020 तक कुल बकाया राशि 25.46 करोड़ रुपये का भुगतान करने के लिए उत्तरदायी है जिसमें डिफॉल्ट आईआरआर (आंतरिक प्रतिफल दर) शामिल है।
एनसीएलटी के अध्यक्ष आर सुधाकर और ए के श्रीवास्तव की पीठ ने कहा कि ऐसे में कॉरपोरेट देनदार ने निवेश समझौते के प्रावधान के तहत ‘डिफॉल्ट’ किया है और दिवालिया संहिता के प्रावधानों के तहत यह चूक है।
एनसीएलटी ने यह भी पाया कि इस मामले में आनंदा डिवाइन ने अब तक कोई जवाब या लिखित निवेदन दाखिल नहीं किया है।
भाषा पाण्डेय अजय
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