नयी दिल्ली, 23 जनवरी (भाषा) राष्ट्रीय कंपनी कानून अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) ने व्हाट्सऐप और उसकी मूल कंपनी मेटा के बीच आंकड़ा साझा करने पर लगाई गई पांच साल की पाबंदी पर बृहस्पतिवार को रोक लगा दी।
भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) ने नवंबर, 2024 में व्हाट्सऐप और मेटा की अन्य इकाइयों के बीच विज्ञापन के इरादे से आंकड़ा साझा करने पर पांच साल का प्रतिबंध लगा दिया था। इसके साथ ही मेटा पर अपने दबदबे की स्थिति के दुरुपयोग के लिए 213 करोड़ रुपये का जुर्माना भी लगाया था।
मेटा ने सीसीआई के इस आदेश को एनसीएलएटी में चुनौती दी थी। अपीलीय न्यायाधिकरण ने प्रतिबंध के आदेश पर रोक लगाने के साथ ही जुर्माने पर भी रोक लगा दी है। हालांकि कंपनी को दो सप्ताह के भीतर जुर्माने की राशि का 50 प्रतिशत जमा करना होगा।
न्यायाधिकरण ने सुनवाई के दौरान यह पाया कि पांच साल का प्रतिबंध लगाए जाने से त्वरित संदेश मंच व्हाट्सऐप के कारोबारी मॉडल का पतन हो सकता है। उसने कहा कि व्हाट्सऐप अपने उपयोगकर्ताओं को अपनी सेवाएं निःशुल्क दे रहा है।
इसने कहा, ‘हमने देखा है कि उच्चतम न्यायालय ने 2021 की गोपनीयता नीति पर रोक लगाने का अंतरिम आदेश नहीं दिया है और डिजिटल व्यक्तिगत डेटा संरक्षण अधिनियम 2023 के भी लागू होने की संभावना है, जो आंकड़ा संरक्षण और साझा करने से संबंधित मुद्दों का ध्यान रख सकता है।’
पीठ ने कहा, ‘हमारी प्रथम दृष्टया यह राय है कि पांच साल के प्रतिबंध लगाने वाले आदेश पर रोक लगाई जानी चाहिए।’ इसने मामले की अगली सुनवाई के लिए 17 मार्च की तारीख मुकर्रर की।
सीसीआई ने अपने आदेश में कहा था कि व्हाट्सऐप की 2021 की गोपनीयता नीति में किया गया अपडेट उपयोगकर्ताओं को आंकड़े के व्यापक संग्रह और मेटा समूह के भीतर इसे साझा करने के लिए सहमत होने के लिए अनुचित रूप से बाध्य करती है।
मेटा ने सीसीआई के आदेश पर आंशिक रोक लगाने के एनसीएलएटी के निर्णय का स्वागत करते हुए कहा कि वह अगले कदमों का मूल्यांकन करेगी।
मेटा के प्रवक्ता ने कहा, ‘हमारा ध्यान आगे की राह तलाशने पर रहेगा। वृद्धि और नवाचार के लिए लाखों व्यवसाय हमारे मंच पर निर्भर हैं। साथ ही लोग व्हाट्सऐप से उच्च गुणवत्ता वाले अनुभव की उम्मीद करते हैं।’
भाषा प्रेम प्रेम रमण
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