नयी दिल्ली, आठ जून (भाषा) राष्ट्रीय कंपनी कानून अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी)ने शिक्षा प्रौद्योगिकी ब्रांड बायजू की मूल कंपनी थिंक एंड लर्न (टीएलपीएल) के समाधान पेशेवर द्वारा दायर याचिका को खारिज कर दिया है। याचिका में आकाश एजुकेशनल सर्विसेज में कंपनी की हिस्सेदारी के संबंध में यथास्थिति बनाए रखने के निर्देश देने वाले एनसीएलटी के आदेश को चुनौती दी गई थी।
एनसीएलएटी की दो सदस्यीय पीठ ने कहा कि चूंकि राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) का आदेश ‘सहमति से’ और एक अंतरिम आदेश है, जो पक्षों के किसी भी अधिकार का फैसला नहीं कर रहा है, इसलिए इस स्तर पर अपीलीय न्यायाधिकरण द्वारा किसी हस्तक्षेप की आवश्यकता नहीं है।
एनसीएलएटी ने कहा, “चूंकि विवादित आदेश एक मध्यवर्ती आदेश के रूप में है, जो पक्षों के किसी भी अधिकार पर निर्णय नहीं करता है। साथ ही तथ्य यह है कि यह आदेश एक सहमति आदेश का रूप लेता है, इसलिए इस स्तर पर अपने अपीलीय क्षेत्राधिकार के प्रयोग में इस न्यायाधिकरण द्वारा किसी हस्तक्षेप की आवश्यकता नहीं है।”
टीएलपीएल ने अपने समाधान पेशेवर के माध्यम से, आकाश एजुकेशनल सर्विसेज द्वारा इक्विटी कोष जुटाने की योजना के बीच शेयरधारिता में बदलाव न करने के एनसीएलटी के निर्देश के खिलाफ एनसीएलएटी की चेन्नई पीठ में याचिका दायर की थी।
एनसीएलटी ने 27 मार्च को एक अंतरिम आदेश पारित किया था, जिसमें अगली सुनवाई तक आकाश एजुकेशनल सर्विसेज के संबंध में यथास्थिति बनाए रखने का निर्देश दिया गया था।
इस आदेश को आकाश ने कर्नाटक उच्च न्यायालय में चुनौती दी, जिसने दोनों पक्षों को सुनने के बाद आठ अप्रैल, 2025 को एनसीएलटी द्वारा दिए गए अंतरिम आदेश को रद्द कर दिया और मामले को दिवाला न्यायाधिकरण को वापस भेज दिया।
इसके बाद 30 अप्रैल, 2025 को अगली सुनवाई में यह बात एनसीएलटी के ध्यान में लाई गई, जहां समाधान पेशेवर के वरिष्ठ वकील अभिनव वशिष्ठ ने आरोप लगाया कि न केवल आकाश में टीएलपीएल की शेयरधारिता में कमी जारी है, बल्कि कंपनी की महत्वपूर्ण परिसंपत्तियों को भी गिरवी रख लिया गया है।
भाषा अनुराग पाण्डेय
पाण्डेय
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