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सोमवार, 9 जून, 2025
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एनसीएलएटी ने पेप्सिको इंडिया के खिलाफ दायर दिवाला अर्जी खारिज की

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नयी दिल्ली, 12 मई (भाषा) राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) ने शीतल पेय कंपनी पेप्सिको इंडिया होल्डिंग्स के खिलाफ दिवाला कार्यवाही शुरू करने की अपील करने वाली याचिका खारिज कर दी है।

अपीलीय न्यायाधिकरण ने अपने फैसले में कहा कि दिवाला एवं ऋणशोधन अक्षमता संहिता (आईबीसी) के प्रावधानों को ऋण वसूली कार्यवाही में नहीं बदला जा सकता है।

इसके साथ ही एनसीएलएटी ने राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) की चंडीगढ़ पीठ द्वारा पारित आदेश को बरकरार रखा है, जिसने एसएनजे सिंथेटिक्स की याचिका खारिज कर दी थी।

एनसीएलएटी की तीन-सदस्यीय पीठ ने सात मई, 2025 को पारित आदेश में कहा, ‘‘न्यायिक प्राधिकरण (एनसीएलटी) ने विवादित और निराधार ब्याज घटक वाले दावे पर कॉरपोरेट कर्जदार (पेप्सिको) के खिलाफ कर्ज समाधान प्रक्रिया शुरू करने की मंजूरी नहीं देकर कोई गलती नहीं की है।’’

एसएनजे सिंथेटिक्स ने पेप्सिको इंडिया से 1.96 करोड़ रुपये का दावा किया था, जिसमें मूल राशि 91.63 लाख रुपये थी जबकि 28 फरवरी, 2021 तक 1.05 करोड़ रुपये की ब्याज राशि थी।

दोनों पक्षों ने 10 फरवरी, 2023 को 77.73 लाख रुपये की सुलह राशि के साथ बकाया मूल राशि का निपटान कर दिया था। लेकिन याचिकाकर्ता ने कहा कि उसका दावा अब 1.05 करोड़ रुपये की बकाया ब्याज राशि के लिए है।

एनसीएलएटी ने कहा कि परिचालन ऋणदाता के रूप में आईबीसी की धारा नौ के तहत दायर अर्जी सुनवाई के लायक नहीं थी क्योंकि पेप्सिको ने दावे की मूल राशि पहले ही चुका दी थी और केवल ब्याज के लिए विवादित दावा बचा हुआ था।

एनसीएलएटी ने अपने आदेश में कहा, ‘‘आईबीसी कानून के प्रावधानों को ऋण-वसूली कार्यवाही में नहीं बदला जा सकता है।’’

भाषा प्रेम प्रेम अजय

अजय

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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