नयी दिल्ली, 13 जून (भाषा) राष्ट्रीय कंपनी कानून अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) ने सोमवार को अमेजन की याचिका खारिज कर दी, जिसमें सीसीआई के एक आदेश को चुनौती दी गई थी। सीसीआई ने अपने इस आदेश में फ्यूचर कूपन के साथ अमेजन के सौदे की मंजूरी को निलंबित कर दिया था।
न्यायमूर्ति एम वेणुगोपाल और अशोक कुमार मिश्रा की दो सदस्यीय पीठ ने भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) के फैसले को बरकरार रखा और अमेजन को निर्देश दिया कि वह सोमवार से 45 दिनों के भीतर निष्पक्ष व्यापार नियामक द्वारा ई-कॉमर्स कंपनी पर लगाए गए 200 करोड़ रुपये के जुर्माने को जमा करे।
दो सदस्यीय पीठ ने कहा, ‘‘यह अपीलीय न्यायाधिकरण, सीसीआई के दृष्टिकोण से पूरी तरह सहमत है।’’
पीठ ने कहा, ‘‘अपीलकर्ता अमेजन ने प्रासंगिक सामग्रियों का पूर्ण, स्पष्ट प्रकटीकरण नहीं किया है। उसने अपने रणनीतिक अधिकारों और एफआरएल (फ्यूचर रिटेल लिमिटेड) में हित हासिल करने और वाणिज्यिक अनुबंध को निष्पादित करने से संबंधित केवल सीमित खुलासे किए थे।’’
पिछले साल दिसंबर में, सीसीआई ने फ्यूचर कूपन प्राइवेट लिमिटेड (एफसीपीएल) में 49 प्रतिशत हिस्सेदारी हासिल करने के लिए अमेजन द्वारा किए गए सौदे के लिए 2019 में उसके द्वारा दी गई मंजूरी को निलंबित कर दिया था और साथ ही 202 करोड़ रुपये का जुर्माना भी लगाया था।
अमेजन ने इसके खिलाफ एनसीएलएटी में अपील दायर की थी। फ्यूचर कूपंस लिमिटेड (एफसीपीएल) फ्यूचर रिटेल लिमिटेड (एफआरएल) की प्रवर्तक है।
आदेश में कहा गया, ‘‘इस न्यायाधिकरण का मानना है कि अपीलकर्ता अमेजन प्रासंगिक जानकारी देने में विफल रहा।’’
इसके साथ एनसीएलएटी ने 200 करोड़ रुपये के जुर्माने को बरकरार रखा, तथा 1-1 करोड़ रुपये के दो जुर्माने की राशि को घटाकर 50-50 लाख कर दिया। जुर्माने की राशि 45 दिनों के भीतर जमा करनी है।
अमेजन इस मामले को अक्टूबर, 2020 में सिंगापुर मध्यस्थता केंद्र में लेकर गई थी। तब से दोनों कंपनियों के बीच कानूनी लड़ाई छिड़ गई है। अमेजन का कहना है कि एफआरएल ने रिलायंस समूह की कंपनी रिलायंस रिटेल के साथ 24,713 करोड़ रुपये का बिक्री करार कर 2019 में उसके साथ हुए निवेश समझौते का उल्लंघन किया है।
भाषा पाण्डेय
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