नयी दिल्ली, तीन मार्च (भाषा) राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) ने सोमवार को खाद्य एवं शीतल पेय कंपनी पेप्सिको इंडिया के खिलाफ दिवाला कार्यवाही शुरू करने की एक परिचालन लेनदार की अर्जी को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करने का निर्देश दिया। हालांकि, परिचालन लेनदार ने अर्जी दायर करने में विलंब किया था, लेकिन एनसीएलएटी ने इस मामले में उसे रियायत देते हुए अर्जी को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करने का निर्देश दिया।
अपीलीय न्यायाधिकरण के रजिस्ट्रार ने राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) के आदेश के खिलाफ अपील के ज्ञापन को दोबारा दाखिल करने में हुई छह दिन की देरी को माफ कर दिया है।
दिवाला एवं ऋणशोधन अक्षमता संहिता (आईबीसी) के तहत एनसीएलटी के आदेश से प्रभावित व्यक्ति एनसीएलटी का आदेश मिलने की तारीख से 30 दिन के भीतर अपील दायर कर एनसीएलएटी के समक्ष इसे चुनौती दे सकता है।
एनसीएलएटी रजिस्ट्रार ने अपने आदेश में कहा, ‘‘अपीलकर्ता की ओर से प्रस्तुत किए गए प्रस्तुतीकरण और उल्लिखित कारणों को ध्यान में रखते हुए अपील के ज्ञापन को फिर से दाखिल करने में छह दिन की देरी को माफ किया जाता है। इसके साथ ही मामले को खंडपीठ के समक्ष सूचीबद्ध करने के लिए स्वीकृत किया जाता है।’’
एनसीएलटी की चंडीगढ़ पीठ ने पेप्सिको इंडिया होल्डिंग्स के एक परिचालन लेनदार एसएनजे सिंथेटिक्स की तरफ से दायर दिवाला अर्जी खारिज कर दी थी।
एसएनजे सिंथेटिक्स ने 1.96 करोड़ रुपये का दावा किया था, जिसमें मूल राशि 91.63 लाख रुपये थी और 28 फरवरी, 2021 तक 1.05 करोड़ रुपये के 24 प्रतिशत प्रति वर्ष की दर से ब्याज की गणना की थी।
एसएनजे सिंथेटिक्स पीईटी प्रीफॉर्म निर्माण के व्यवसाय में है। इसने पेप्सिको को पीईटी बोतलों की आपूर्ति के लिए एक समझौता किया था।
भाषा प्रेम प्रेम अजय
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