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गुरूवार, 29 मई, 2025
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पिछली सदी के ‘‘अधूरे काम’’ पूरे करने के लिए राष्ट्र ब्रिक्स में शामिल होना चाहते हैं: भारतीय राजनयिक

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(फाकिर हसन)

जोहानिसबर्ग, 20 अगस्त (भाषा) विदेश मंत्रालय के सचिव (आर्थिक संबंध) दम्मू रवि ने कहा कि जैसे-जैसे दुनियाभर के देश पिछली सदी के ‘अधूरे काम’ पूरा करने के लिए आगे बढ़ रहे हैं, वैसे-वैसे उनकी ब्रिक्स समूह में शामिल होने की आकांक्षा बढ़ती जा रहा है।

भारतीय राजनयिक रवि ने दक्षिण अफ्रीका के इंडियन बिजनेस फोरम द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में अफ्रीका और दक्षिण अमेरिका के देशों के नेताओं और राजनयिकों को संबोधित करते हुए यह बयान दिया।

जोहानिसबर्ग में मंगलवार से शुरू होने वाले ब्रिक्स शिखर सम्मेलन से पहले यह कार्यक्रम आयोजित किया गया।

इस कार्यक्रम का विषय ‘हार्नेसिंग सिनर्जी: इंडियन-अफ्रीका कॉर्पोरेशन फॉर प्रोसपेरिटी इन दी ब्रिक्स-अफ्रीकन कॉनटिनेंटल फ्री ट्रेड एरिया सेकरेट्रियाट (एएफसीएफटीए) लैंडस्केप’ था।

रवि ने 20वीं सदी के ‘‘अधूरे काम’’ को 21वीं सदी में आर्थिक समृद्धि के लिए प्राथमिकता बताया।

ब्रिक्स में शामिल होने के लिए 22 देशों के आवेदन किए जाने पर रवि ने कहा कि इस नई वैश्विक मुहिम में अफ्रीका के साथ साझेदारी महत्वपूर्ण है।

रवि ने कहा, “इसलिए जैसे-जैसे हम आर्थिक विकास का अनुभव कर रहे हैं, हमें यह भी सुनिश्चित करना चाहिए कि यह सभी लोगों के लिए समृद्धि लाए। जैसे-जैसे राष्ट्रों का विस्तार होता है, इसका (ब्रिक्स) हिस्सा बनने की आकांक्षा बढ़ती है। यही कारण है कि 22 देश ब्रिक्स सदस्य बनने के लिए कतार में हैं।”

ब्रिक्स एक अंतरराष्ट्रीय समूह है, जिसमें चीन, भारत, रूस, ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका शामिल हैं। पंद्रहवां ब्रिक्स शिखर सम्मेलन इस साल 22 से 24 अगस्त तक जोहान्सबर्ग में आयोजित होगा। दक्षिण अफ्रीका ब्रिक्स का मौजूदा अध्यक्ष है।

भाषा निहारिका अनुराग

निहारिका

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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