मुंबई, 29 सितंबर (भाषा) भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) के पास वित्त वर्ष 2023-24 और 2026-27 के बीच अपनी हाइब्रिड एन्यूटी मॉडल (एचएएम) वाली परिसंपत्तियों को बाजार पर चढ़ाकर लगभग दो लाख करोड़ रुपये प्राप्त करने की गुंजाइश है। एक रिपोर्ट में यह अनुमान जताया गया है।
रेटिंग एजेंसी केयर एज की एक विश्लेषणात्मक रिपोर्ट के मुताबिक, एनएचएआई की सड़कें मध्यम अवधि में परिसंपत्तियों के मौद्रीकरण यानी बाजार पर चढ़ाने की अच्छी संभावनाएं रखती हैं। मौद्रीकरण को एचएएम परिसंपत्तियों और ईपीसी (इंजीनियरिंग, खरीद और निर्माण) परियोजनाओं के विस्तारित पोर्टफोलियो के जरिये अंजाम दिया जा सकता है।
हाइब्रिड एन्यूटी मॉडल पीपीपी (सार्वजनिक निजी भागीदारी) का एक प्रकार है। इसे उन परियोजनाओं के लिए अपनाया जा सकता है जो बीओटी यानी बनाओ, अपनाओ और सौंप दो (टोल) मॉडल के तहत व्यवहारिक नहीं हैं। इसमें प्राधिकरण परियोजना को व्यवहारिक बनाने के लिये संबंधित कंपनी को बोली आधार पर तय परियोजना लागत का 40 प्रतिशत तक भुगतान करती है।
इन परिसंपत्तियों के जरिये मौद्रीकरण की क्षमता 2024-27 के दौरान 1.75 लाख करोड़ रुपये से लेकर दो लाख करोड़ रुपये तक हो सकती है।
यह विश्लेषण वित्त वर्ष 2015-16 और 2022-23 के बीच 62 अलग-अलग प्रायोजकों को आवंटित 306 एचएएम परियोजनाओं पर आधारित है। इन परियोजनाओं की कुल लंबाई 12,700 किलोमीटर है और इनकी संयुक्त लागत 3.35 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है।
वर्ष 2020 से पहले एक लाख करोड़ रुपये की लागत वाली आवंटित एचएएम परियोजनाएं अब चालू स्थिति में हैं और इनके मौद्रीकरण से 9,000-11,000 करोड़ रुपये तक अर्जित किए जा सकते हैं।
परियोजनाओं के समय पर पूरा होने से डेवलपरों को परिचालन चक्र में 15 दिनों की कटौती करने में मदद मिली है। इससे 10,000-12,000 करोड़ रुपये की तरलता भी उपलब्ध हुई है।
हालांकि रिपोर्ट कहती है कि मार्च, 2020 के बाद आवंटित एक-तिहाई परियोजनाओं को क्रियान्वयन से जुड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। आक्रामक बोली और बढ़ी हुई जटिलताओं के कारण ऐसा हुआ है।
एचएएम परियोजनाओं के समय पर चालू होने से वित्त वर्ष 2018-19 से लेकर 2022-23 तक कुल परिचालन आय में 15 प्रतिशत की चक्रवृद्धि वृद्धि हुई है। लेकिन निष्पादन चुनौतियां बढ़ने से चालू वित्त वर्ष में कुल परिचालन आय पांच प्रतिशत तक गिर सकती है।
भाषा प्रेम प्रेम रमण
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