नयी दिल्ली, दो अप्रैल (भाषा) रियल एस्टेट कंपनियों के संगठन नारेडको ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से भूमि के बकाये से संबंधित विभिन्न मुद्दों को जल्द हल करने का अनुरोध किया है ताकि बिल्डर अपनी चालू परियोजनाओं को पूरा करने में सक्षम हो सकें और विकास प्राधिकरणों के साथ बैंकों के बकाया का भी निपटान कर सकें।
नारेडको की उत्तर प्रदेश इकाई के अध्यक्ष आर के अरोड़ा ने मुख्यमंत्री को लिखे एक पत्र में कहा है, ‘‘हम बड़ी चिंता के साथ कहना चाहते हैं कि बैंक और अन्य वित्तीय देनदार, डेवलपर्स और उनकी परियोजनाओं को एनसीएलटी की कार्यवाही में ला रहे हैं और उन्हें दिवालिया घोषित कर रहे हैं।’’
उन्होंने कहा कि सरकार और अधिकारियों द्वारा डेवलपर्स की शिकायतों का समय पर समाधान नहीं होने के कारण यह स्थिति उत्पन्न हुई है।
नारेडको की उत्तर प्रदेश इकाई मुख्य रूप से नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरणों के तहत आने वाली आवासीय परियोजनाओं से जुड़े डेवलपर्स का प्रतिनिधित्व करती है।
दिवालिया प्रक्रिया से गुजर रहे सुपरटेक ग्रुप के चेयरमैन अरोड़ा ने कहा, ‘‘मौजूदा स्थिति, कोविड-19 महामारी के कारण निर्माण में देरी होने और परियोजना निष्पादन पर इसके प्रभाव होने के कारण डेवलपर्स के साथ गंभीर नकदी संकट के कारण भी है।’
राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) ने पिछले महीने सुपरटेक समूह के हिस्से सुपरटेक लिमिटेड के खिलाफ दिवाला कार्यवाही शुरू करने का आदेश दिया था। यह एक ऐसा कदम है जो 10,000 से अधिक घर खरीदारों के निवेश पर असर डाल सकता है। जेपी इंफ्राटेक भी दिवाला प्रक्रिया का सामना कर रही है।
नारेडको ने डेवलपरों के लंबित मुद्दों को बिना किसी देरी के हल करने का अनुरोध करते हुए कहा है कि इससे डेवलपर अपनी परियोजनाओं को पूरा कर सकेंगे और फ्लैटों की डिलीवरी की प्रतिबद्धता का सम्मान करने के अलावा प्राधिकरणों के साथ-साथ बैंक ऋण चुकाने के लिए भूमि बकाया की अपनी देनदारी को भी पूरा कर सकेंगे।
अरोड़ा ने कहा कि डेवलपरों के दिवालिया होने की स्थिति में प्राधिकरणों को भूमि भुगतान के साथ-साथ अन्य महत्वपूर्ण आय का नुकसान होगा।
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