नयी दिल्ली, 23 जनवरी (भाषा) नोएडा परिधान निर्यात क्लस्टर (एनएईसी) ने रविवार को सरकार से सूती धागे और कपड़े के ऊंचे दाम पर लगाम लगाने की मांग की, क्योंकि इनकी बढ़ती कीमतों का असर निर्यातकों पर पड़ रहा है।
एनएईसी के अध्यक्ष ललित ठुकराल ने कपास के निर्यात पर नियंत्रण, कपास के आयात पर 10 प्रतिशत शुल्क को हटाने और कपास तथा अन्य कच्चे माल की कीमतों को विनियमित करने के लिए एक व्यवस्था बनाने का सुझाव दिया।
उन्होंने कहा, ‘‘परिधान उद्योग सूती धागे और कपड़ों की भारी लागत से जूझ रहा है। पिछले कुछ महीनों के दौरान कपास की कीमतों में 80 प्रतिशत तक बढ़ोतरी हुई है। कपास की 335 किलोग्राम की गांठ की कीमत 37,000 रुपये से बढ़कर 74,000 रुपये हो गई है।’’
उन्होंने कहा कि कपास की कीमत में भारी बढ़ोतरी से परिधान विनिर्माताओं और निर्यातकों के लिए एक बड़ी चुनौती खड़ी हो गई है और उन्हें अपने ऑर्डर गंवाने पड़ रहे हैं।
गौरतलब है कि भारत को परिधान निर्यात के क्षेत्र में बांग्लादेश, वियतनाम, थाइलैंड और अन्य देशों से कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ रहा है।
भाषा पाण्डेय अजय
अजय
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.