नयी दिल्ली, 29 अप्रैल (भाषा) राजस्थान में सरसों की सरकारी खरीद शुरु होने तथा मंडियों में आवक कम होने के बीच देश के तेल-तिलहन बाजार में मंगलवार को सरसों तेल-तिलहन के दाम पूर्वस्तर पर बने रहे। इसी तरह मूंगफली तेल-तिलहन और सोयाबीन तिलहन के भाव भी स्थिरता का रुख लिए बंद हुए।
दूसरी ओर सरकारी बिक्री होने के बीच मलेशिया और शिकागो एक्सचेंज की गिरावट की वजह से सोयाबीन तेल, पाम-पामोलीन तेल और बिनौला तेल के दाम गिरावट दर्शाते बंद हुए।
शिकागो एक्सचेंज में 1.5 प्रतिशत से अधिक की गिरावट है जबकि मलेशिया एक्सचेंज भी नुकसान में है।
बाजार सूत्रों ने कहा कि राजस्थान में 5,950 रुपये प्रति क्विंटल के भाव पर लूज में सरसों की सरकारी खरीद चालू हो गयी है जबकि मंडियों में सरसों की आवक सोमवार के 6.25 लाख बोरी से घटकर आज लगभग 5.25 लाख बोरी रह गयी। इसके अलावा कच्ची घानी बनाने वाली तेल मिलों ने सरसों के दाम में 25-50 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी की है। इन परिस्थितियों के बीच सरसों तेल-तिलहन के भाव अपरिवर्तित बने रहे।
उन्होंने कहा कि इसी तरह सरकार की ओर से मूंगफली और सोयाबीन की बिक्री की जा रही है जिनके हाजिर दाम न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से काफी नीचे हैं। लेकिन दूसरी ओर कमजोर हाजिर दाम के कारण लागत नहीं निकलने की वजह से किसान नीचे नहीं बेचने की जिद पर अड़े हुए हैं और इसलिए बाजार में आवक कम ला रहे हैं। ऐसे में मूंगफली तेल-तिलहन और सोयाबीन तिलहन के भाव पूर्वस्तर पर बने रहे।
सूत्रों ने कहा कि शिकागो एक्सचेंज में कमजोर रुख के कारण जहां सोयाबीन तेल कीमतों में गिरावट रही वहीं मलेशिया एक्सचेंज की गिरावट के कारण कच्चा पामतेल (सीपीओ) और पामोलीन तेल कीमतों में भी नरमी आई।
उन्होंने कहा कि पामोलीन तेल का भाव बिनौला से कम होने के बाद बहुत सीमित उपलब्धता वाले बिनौले की मांग प्रभावित होने से बिनौला तेल कीमतों में भी गिरावट दर्ज हुई।
सूत्रों ने कहा कि कुछ समीक्षकों की खाद्यतेलों की महंगाई की चिंता अगर दूर करनी है तो सरकार को इस बारे में गंभीरता से विचार करना होगा कि खाद्यतेलों के थोक दाम तो काफी कम हो चले हैं तो फिर खुदरा में भाव क्यों ऊंचा ही बना हुआ है। इस ओर कौन और कब ध्यान देगा? थोक दाम में कमी का लाभ आम उपभोक्ताओं को कैसे मिले, इस ओर ध्यान देने की जरुरत है।
तेल-तिलहनों के भाव इस प्रकार रहे:
सरसों तिलहन – 6,225-6,325 रुपये प्रति क्विंटल।
मूंगफली – 5,625-6,000 रुपये प्रति क्विंटल।
मूंगफली तेल मिल डिलिवरी (गुजरात) – 13,900 रुपये प्रति क्विंटल।
मूंगफली रिफाइंड तेल – 2,220-2,520 रुपये प्रति टिन।
सरसों तेल दादरी- 13,900 रुपये प्रति क्विंटल।
सरसों पक्की घानी- 2,340-2,440 रुपये प्रति टिन।
सरसों कच्ची घानी- 2,340-2,465 रुपये प्रति टिन।
सोयाबीन तेल मिल डिलिवरी दिल्ली- 13,300 रुपये प्रति क्विंटल।
सोयाबीन मिल डिलिवरी इंदौर- 13,150 रुपये प्रति क्विंटल।
सोयाबीन तेल डीगम, कांडला- 9,225 रुपये प्रति क्विंटल।
सीपीओ एक्स-कांडला- 12,000 रुपये प्रति क्विंटल।
बिनौला मिल डिलिवरी (हरियाणा)- 13,100 रुपये प्रति क्विंटल।
पामोलिन आरबीडी, दिल्ली- 13,400 रुपये प्रति क्विंटल।
पामोलिन एक्स- कांडला- 12,250 रुपये (बिना जीएसटी के) प्रति क्विंटल।
सोयाबीन दाना – 4,425-4,475 रुपये प्रति क्विंटल।
सोयाबीन लूज- 4,125-4,175 रुपये प्रति क्विंटल।
भाषा राजेश राजेश रमण
रमण
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.