चंडीगढ़, 13 अगस्त (भाषा) कृषि मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने शनिवार को कहा कि किसानों की आय बढ़ाने और खाद्य तेलों में आत्मनिर्भरता हासिल करने के लिए मक्का, सरसों और मूंग की खेती को बढ़ावा दिया जाना चाहिए।
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) के उप महानिदेशक (कृषि विस्तार) और केंद्र सरकार के कृषि आयुक्त ए के सिंह ने कृषि क्षेत्र में ड्रोन जैसी तकनीकों को अपनाने पर भी जोर दिया।
वह यहां कृषि-रसायन कंपनी धानुका समूह के सहयोग से आयोजित एक परामर्श बैठक को संबोधित कर रहे थे।
एक बयान के मुताबिक, इस परिचर्चा में सिंह ने कहा, ‘‘गेहूं और चावल पर ध्यान केंद्रित करने के बजाय फसल विविधीकरण को बड़े पैमाने पर बढ़ावा दिया जाना चाहिए। अंग्रेजी के तीन ‘एम’ अक्षर से शुरु होने वाले – मक्का, मूंग और सरसों (मस्टर्ड) की खेती को बढ़ावा दिया जाना चाहिए। यह देश को आत्मनिर्भर बनाने में मदद कर सकता है और किसानों की आय में भी वृद्धि कर सकता है।’’
भारत अपनी घरेलू खाद्य तेल जरूरतों के लगभग 60 प्रतिशत हिस्से का आयात करता है। कम मात्रा में दालें भी आयात की जाती हैं।
सिंह ने आधुनिक तकनीक को अपनाने की आवश्यकता पर भी जोर दिया और कृषि अनुसंधान संस्थानों से ड्रोन के उपयोग के लिए जल्द से जल्द एक प्रोटोकॉल विकसित करने का आह्वान किया।
सिंह ने कहा, ‘‘हमें विभिन्न फसलों के लिए पहले से एक आकस्मिक योजना की भी आवश्यकता है ताकि किसान इसे अपना सकें।’’
इस परामर्श बैठक में 33 कृषि विद्यालय केंद्रों (केवीके) के कई प्रसिद्ध कृषि वैज्ञानिकों के साथ-साथ आईसीएआर के वैज्ञानिकों ने भाग लिया। इसमें नीति निर्माताओं, उद्योग जगत की प्रमुख कंपनियों और किसानों की भागीदारी भी देखी गई।
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