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Saturday, 21 September, 2024
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मुंडा ने कृषि क्षेत्र में कार्बन बाजार को बढ़ावा देने के लिए रूपरेखा की शुरुआत की

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नयी दिल्ली, 29 जनवरी (भाषा) केंद्रीय कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा ने सोमवार को कृषि क्षेत्र में स्वैच्छिक कार्बन बाजार (वीसीएम) को बढ़ावा देने के लिए एक रूपरेखा की शुरुआत की। उन्होंने इस मौके पर कहा कि इससे छोटे और मझोले किसानों को कार्बन क्रेडिट का लाभ उठाने के लिए प्रोत्साहन मिलेगा।

मंत्री ने कहा कि किसानों को कार्बन बाजार से परिचित कराने से न केवल उन्हें लाभ होगा बल्कि पर्यावरण-अनुकूल कृषि पद्धतियों को अपनाने में भी तेजी आएगी।

एक सरकारी बयान के अनुसार, उन्होंने यहां ‘कृषि क्षेत्र में स्वैच्छिक कार्बन बाजार के लिए रूपरेखा’ और ‘कृषि वानिकी नर्सरी के मान्यता प्रोटोकॉल’ का शुभारंभ किया।

उन्होंने किसानों के हित में कार्बन बाजार को बढ़ावा देने के लिए केंद्र और राज्यों के संबंधित मंत्रालयों और अन्य संगठनों से सहयोग का अनुरोध किया।

मंत्री ने कहा, ‘‘ग्लोबल वार्मिंग जैसी वैश्विक चुनौतियां हम सभी के सामने हैं, इसलिए हमें सावधानी से आगे बढ़ना होगा।’’

मुंडा ने कहा कि कृषि वानिकी नर्सरी का मान्यता प्रोटोकॉल देश में कृषि वानिकी को बढ़ावा देने के लिए बड़े पैमाने पर रोपण सामग्री के उत्पादन और प्रमाणीकरण के लिए संस्थागत व्यवस्था को मजबूत करेगा।

उन्होंने सभी अंशधारकों से प्रोटोकॉल अपनाने को कहा ताकि गुणवत्तापूर्ण रोपण सामग्री सुनिश्चित लाभ प्रदान कर सके।

मुंडा ने कहा कि देश में कृषि क्षेत्र अर्थव्यवस्था और करोड़ों लोगों की आजीविका में महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है।

उन्होंने कहा कि देश का 54.6 प्रतिशत कार्यबल कृषि और संबद्ध क्षेत्रों की गतिविधियों में लगा हुआ है। सकल घरेलू उत्पाद में कृषि क्षेत्र की हिस्सेदारी 18.6 प्रतिशत है, जबकि बुवाई का रकबा 13.93 करोड़ हेक्टेयर है।

समारोह में कृषि सचिव मनोज आहूजा और भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) के महानिदेशक हिमांशु पाठक उपस्थित थे।

भाषा राजेश राजेश अजय

अजय

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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