मुंबई, 22 अगस्त (भाषा) नीति आयोग की मुंबई महानगर क्षेत्र (एमएमआर) के विकास पर तैयार की गई रिपोर्ट में अगले पांच साल में क्षेत्र के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) को दोगुना करने तथा मुंबई और इसके उपनगरों को वैश्विक आर्थिक केंद्र बनाने का लक्ष्य तय किया गया है।
नीति आयोग के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) बीवीआर सुब्रमण्यम ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को रिपोर्ट सौंपी है, जिसमें कहा गया है कि वर्तमान में क्षेत्र की जीडीपी 12 लाख करोड़ रुपये (140 अरब डॉलर) है और 2030 तक यह 26 लाख करोड़ रुपये (300 अरब डॉलर) तक पहुंच जाना चाहिए।
रिपोर्ट में कहा गया है कि वर्तमान में एमएमआर में एक करोड़ रोजगार के अवसर हैं, लेकिन 30 लाख और अवसर सृजित करने की आवश्यकता है।
मुख्यमंत्री शिंदे ने कहा कि बुनियादी ढांचा और संचार सुविधाएं राज्य के विकास की नींव हैं और इस दिशा में काम चल रहा है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि महाराष्ट्र सरकार को सात क्षेत्रों पर ध्यान देने की आवश्यकता है। इसके तहत, मुंबई को एक वैश्विक सेवा केंद्र के रूप में विकसित करना, किफायती आवास की सुविधा प्रदान करना, एमएमआर को वैश्विक पर्यटन केंद्र में बदलना, एमएमआर में बंदरगाहों का एकीकृत विकास, एक औद्योगिक और लॉजिस्टिक्स केंद्र का निर्माण, शहरों का विकास और वैश्विक मानकों के अनुरूप पर्यावरण अनुकूल, समावेशी बुनियादी ढांचा सुविधाएं प्रदान करना हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है कि निजी क्षेत्र में लगभग 10 से 11 लाख करोड़ रुपये के निवेश की आवश्यकता है और शहरों को वृद्धि इंजन के रूप में विकसित किया जाना चाहिए।
एमएमआर के तहत मुंबई नगर, मुंबई उपनगर, पालघर, रायगढ़ और थाणे जिले हैं। रिपोर्ट के अनुसार, महाराष्ट्र की जीडीपी में एमएमआर की एक-तिहाई हिस्सेदारी है।
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