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Wednesday, 16 July, 2025
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विदेशों में सुधार और आवक घटने के बीच अधिकांश तेल-तिलहन के दाम में सुधार

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नयी दिल्ली, 23 मई (भाषा) विदेशी बाजारों में मजबूत रुख के बीच घरेलू बाजार में आवक घटने से देश के तेल-तिलहन बाजार में शुक्रवार को अधिकांश खाद्य तेल-तिलहनों (सरसों एवं सोयाबीन तेल-तिलहन, बिनौला और पामोलीन तेल) के थोकदाम मजबूत बंद हुए। पामोलीन से मंहगा होने के कारण कच्चा पामतेल (सीपीओ) की मांग प्रभावित रही जिससे उसके दाम में गिरावट आई। मूंगफली तेल-तिलहन के दाम पूर्ववत बने रहे।

शिकॉगो एक्सचेंज में सुधार था जबकि मलेशिया एक्सचेंज दोपहर साढ़े तीन बजे सुधार के साथ बंद हो गया।

सूत्रों ने कहा कि मलेशिया में सीपीओ आयात की लागत इसके रिफाइंड यानी पामोलीन तेल से मंहगा बैठता है। सीपीओ के आयात का भाव 1,040 डॉलर प्रति टन है जबकि पामोलीन आयात की लागत 1,000 डॉलर प्रति टन है।

ऐसे में कच्चा पामतेल आयात कर उसका रिफाइंड बनाने में प्रसंस्करण लागत अधिक बैठता है और इसके मुकाबले पामोलीन का आयात सस्ता बैठता है। इसलिए आयातक पामोलीन के सौदे कर रहे हैं। इस वजह से जहां पामोलीन तेल के दाम में सुधार आया वहीं सीपीओ में गिरावट देखी गई।

वैसे देखा जाये तो केवल भाव ही ऊंचा बोले जा रहे हैं पर इस ऊंचे दाम पर इन तेलों का खपना आसान नहीं है। सोयाबीन डीगम आयात की लागत लगभग 1,100 डॉलर प्रति टन है। सोयाबीन से पाम-पामोलीन का दाम और कम होने के बाद ही पम-पामोलीन की मांग बढ़ेगी।

सूत्रों ने कहा कि सरसों की सीमित आवक की स्थिति बनी हुई है और इस खाद्यतेल की मांग है। कच्ची घानी की बड़ी तेल मिलों ने आज सरसों के दाम में भी 50-100 रुपये क्विंटल की वृद्धि की है। जिसकी वजह से सरसों तेल-तिलहन के दाम में सुधार है।

इसी प्रकार, बिनौले की कम उपलब्धता और नमकीन बनाने वाली कंपनियों की मांग बढ़ने से बिनौला तेल में भी सुधार है। सरसों का दाम मंहगा बैठता है और सूरजमुखी का दाम भी काफी अधिक है। इस स्थिति में ‘सॉफ्ट आयल’ में सारा दवाब सोयाबीन पर है। मांग में आये सुधार की वजह से सोयाबीन तेल-तिलहन के दाम भी मजबूत बंद हुए।

उन्होंने कहा कि न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से हाजिर दाम काफी नीचा होने के बीच किसान की ओर से बाजार में आज भी मूंगफली की आवक कमजोर बनी रही। इस उहापोह की स्थिति के बीच मूंगफली तेल-तिलहन के दाम पूर्वस्तर पर ही स्थिर बने रहे।

तेल-तिलहनों के भाव इस प्रकार रहे:

सरसों तिलहन – 6,615-6,700 रुपये प्रति क्विंटल।

मूंगफली – 5,775-6,150 रुपये प्रति क्विंटल।

मूंगफली तेल मिल डिलिवरी (गुजरात) – 14,150 रुपये प्रति क्विंटल।

मूंगफली रिफाइंड तेल – 2,260-2,560 रुपये प्रति टिन।

सरसों तेल दादरी- 14,050 रुपये प्रति क्विंटल।

सरसों पक्की घानी- 2,475-2,575 रुपये प्रति टिन।

सरसों कच्ची घानी- 2,475-2,610 रुपये प्रति टिन।

सोयाबीन तेल मिल डिलिवरी दिल्ली- 13,250 रुपये प्रति क्विंटल।

सोयाबीन मिल डिलिवरी इंदौर- 13,100 रुपये प्रति क्विंटल।

सोयाबीन तेल डीगम, कांडला- 9,300 रुपये प्रति क्विंटल।

सीपीओ एक्स-कांडला- 11,550 रुपये प्रति क्विंटल।

बिनौला मिल डिलिवरी (हरियाणा)- 13,400 रुपये प्रति क्विंटल।

पामोलिन आरबीडी, दिल्ली- 13,050 रुपये प्रति क्विंटल।

पामोलिन एक्स- कांडला- 12,000 रुपये (बिना जीएसटी के) प्रति क्विंटल।

सोयाबीन दाना – 4,450-4,500 रुपये प्रति क्विंटल।

सोयाबीन लूज- 4,200-4,250 रुपये प्रति क्विंटल।

भाषा राजेश राजेश रमण

रमण

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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