scorecardresearch
रविवार, 1 जून, 2025
होमदेशअर्थजगतनेफेड की सोयाबीन बिक्री करने की खबर से अधिकांश तेल-तिलहन कीमतों में गिरावट

नेफेड की सोयाबीन बिक्री करने की खबर से अधिकांश तेल-तिलहन कीमतों में गिरावट

Text Size:

नयी दिल्ली, 18 अप्रैल (भाषा) सहकारी संस्था नेफेड के 21 अप्रैल से सोयाबीन बिक्री करने की पहल शुरु करने की अफवाह के बीच बाजार धारणा बिगड़ने के कारण देश के तेल-तिलहन बाजार में शुक्रवार को अधिकांश तेल-तिलहन कीमतें टूटती नजर आई तथा सरसों एवं सोयाबीन तेल-तिलहन, कच्चा पामतेल (सीपीओ) एवं पामोलीन तथा बिनौला तेल के दाम गिरावट के साथ बंद हुए।

कम दाम पर किसानों की कम बिकवाली के बीच मूंगफली तेल-तिलहन के भाव पूर्वस्तर पर बने रहे।

मलेशिया एक्सचेंज धराशयी हो गया। दूसरी ओर शिकॉगो एक्सचेंज कल रात तेज बंद हुआ था और आज वहां ‘गुड फ्राइडे’ की छुट्टी है।

बाजार सूत्रों ने कहा कि अगले 10-15 दिनों में सोयाबीन की बुवाई शुरु होने के ठीक पहले बाजार में यह अफवाह फैली कि 21 अप्रैल से सहकारी संस्था, नेफेड द्वारा सोयाबीन की बिक्री की पहल शुरु होगी। इस अफवाह के कारण बाजार धारणा प्रभावित हुई और अधिकांश तेल-तिलहनों के दाम टूट गये। वहीं इसके कारण आगे सोयाबीन बिजाई भी प्रभावित हो सकती है।

सूत्रों ने कहा कि अब बिजाई घटवानी है या बढ़वानी है, इसका रिमोट कंट्रोल’ सरकार के पास है। एक खतरा और है कि मौजूदा अनिश्चय की स्थिति बनी रही और किसानों का एक बार विश्वास डगमगाया तो पहले से पस्त चल रहे सोयाबीन किसान किसी और फसल ओर अपना रुख स्थायी रूप से ना मोड़ लें। सोयाबीन का स्टॉक नेफेड के ही पास है और इसका हाजिर दाम न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से कमजोर बना हुआ है।

उन्होंने कहा कि किसानों की मूंगफली भी खपने का नाम नहीं ले रही और इसका हाजिर दाम एमएसपी से काफी नीचे है। ऐसे में सरकार की ओर से गुजरात में मूंगफली की बिक्री करने की भी अफवाह फैल रही है। यह देश के तेल-तिलहन उत्पादन को बढ़ावा देने के लिहाज से घातक होगा।

सूत्रों ने कहा कि मलेशिया में जिस कच्चे पामतेल (सीपीओ) का दाम पिछले सात महीने से ‘बेवजह’ ऊंचा बना हुआ था, वह पिछले कुछ दिनों में गिरता हुआ सात माह के सबसे निचले स्तर पर आ गया है।

उन्होंने कहा कि मलेशिया में यह दाम तब ऊंचा बना हुआ था जब मलेीशिया में सीपीओ का उत्पादन बढ़ने का समय चल रहा है और वहां से निर्यात भी कम हो रहा था। लेकिन दाम इतना भी नहीं टूटा है कि आसानी से खपने लगे। सोयाबीन के मुकाबले सीपीओ के प्रसंस्करण में लगने वाली अधिक लागत को देखते हुए सीपीओ के दाम को और टूटना होगा तभी यह तेल बाजार में खपेगा।

नीचे भाव पर किसानों की कमजोर बिकवाली के बीच मूंगफली तेल-तिलहन के भाव पूर्वस्तर पर बंद हुए।

तेल-तिलहनों के भाव इस प्रकार रहे:

सरसों तिलहन – 6,325-6,425 रुपये प्रति क्विंटल।

मूंगफली – 5,725-6,100 रुपये प्रति क्विंटल।

मूंगफली तेल मिल डिलिवरी (गुजरात) – 14,150 रुपये प्रति क्विंटल।

मूंगफली रिफाइंड तेल – 2,245-2,545 रुपये प्रति टिन।

सरसों तेल दादरी- 13,050 रुपये प्रति क्विंटल।

सरसों पक्की घानी- 2,350-2,450 रुपये प्रति टिन।

सरसों कच्ची घानी- 2,350-2,475 रुपये प्रति टिन।

सोयाबीन तेल मिल डिलिवरी दिल्ली- 13,400 रुपये प्रति क्विंटल।

सोयाबीन मिल डिलिवरी इंदौर- 13,250 रुपये प्रति क्विंटल।

सोयाबीन तेल डीगम, कांडला- 9,350 रुपये प्रति क्विंटल।

सीपीओ एक्स-कांडला- 12,250 रुपये प्रति क्विंटल।

बिनौला मिल डिलिवरी (हरियाणा)- 13,500 रुपये प्रति क्विंटल।

पामोलिन आरबीडी, दिल्ली- 13,750 रुपये प्रति क्विंटल।

पामोलिन एक्स- कांडला- 12,500 रुपये (बिना जीएसटी के) प्रति क्विंटल।

सोयाबीन दाना – 4,550-4,600 रुपये प्रति क्विंटल।

सोयाबीन लूज- 4,250-4,300 रुपये प्रति क्विंटल।

भाषा राजेश राजेश रमण

रमण

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

share & View comments