नयी दिल्ली, दो जनवरी (भाषा) नये साल पर विदेशों में बाजार धराशायी होने के बीच मंगलवार को देश के तेल-तिलहन बाजारों में अधिकांश तेल-तिलहनों (सरसों, मूंगफली, सोयाबीन तेल-तिलहन और बिनौला तेल) में गिरावट दर्ज हुई, जबकि सॉफ्ट आयल (नरम तेल-सूरजमुखी) के दाम कम होने के बीच ऊंचा भाव बोले जाने के कारण कच्चे पामतेल (सीपीओ) और पामोलीन के भाव पूर्वस्तर पर बने रहे।
बाजार के जानकार सूत्रों ने कहा कि शिकॉगो एक्सचेंज दो प्रतिशत से अधिक की मंदी चल रही है। जबकि मलेशिया एक्सचेंज दो प्रतिशत से ज्यादा मंदा चल रहा है।
उन्होंने कहा कि सीपीओ और पामोलीन के सिर्फ भाव ऊंचा बोले जा रहे हैं वैसे बाकी अन्य तेलों की तरह इन दोनों तेलों की भी मांग कमजोर है। जाड़े में वैसे भी सीपीओ और पामोलीन की मांग प्रभावित होती है। एक बात और यह है कि जब बंदरगाहों पर पामोलीन का भाव 82-83 रुपये किलो पड़ रहा हो और उसके मुकाबले बाजार में ‘राजा तेल’ माने जाने वाले – सूरजमुखी कच्चे तेल का भाव (85 रुपये किलो) कम हो तो कौन पामोलीन खरीदना चाहेगा।
सूत्रों ने कहा कि अर्जेन्टीना में सोयाबीन की फसल काफी बेहतर है। इस वजह से आज इसके दाम वहां टूटे हैं। सोयाबीन बीज (दो प्रतिशत), सोयाबीन तेल (दो प्रतिशत) और सोयाबीन डी-आयल्ड केक (डीओसी) के भाव 1.5 प्रतिशत टूटे हैं। इस वजह से देश के बाजारों में भी खाद्य तेल कीमतों पर दबाव कायम होने से अधिकांश देशी तेल कीमतों में भी गिरावट आई।
उन्होंने कहा कि किसानों और नेफेड जैसी सहकारी संस्थाओं के पास पिछले साल का 22-23 लाख टन का सरसों का स्टॉक बचा हुआ है जिनकी बाजार में खपत नहीं हुई। इस साल भी सरसों की अच्छी फसल है। सस्ते आयातित तेलों से बाजार पटा होने के बीच अब सरसों का क्या होगा, यह देखा जाना अभी बाकी है।
सूत्रों ने कहा कि ऐसा लगता है कि तेल-तिलहन कारोबार की सुध लेने वाला कोई नहीं है। तेल-तिलहन कारोबार के सभी अंशधारकों की ऐसी दुर्दशा पहले कभी नहीं देखने को मिली थी। न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के हिसाब से देशी सूरजमुखी तेल का दाम बैठता है 150-160 रुपये किलो और दूसरी ओर बंदरगाहों पर आयातित सूरजमुखी तेल का भाव है शुल्क मिलाकर 80 रुपये किलो। तो ऐसे में भला कोई क्यों देशी सूरजमुखी तेल खरीदने की जहमत मोल लेगा ?
मंगलवार को तेल-तिलहनों के भाव इस प्रकार रहे:
सरसों तिलहन – 5,265-5,315 (42 प्रतिशत कंडीशन का भाव) रुपये प्रति क्विंटल।
मूंगफली – 6,690-6,765 रुपये प्रति क्विंटल।
मूंगफली तेल मिल डिलिवरी (गुजरात) – 15,750 रुपये प्रति क्विंटल।
मूंगफली रिफाइंड तेल 2,350-2,625 रुपये प्रति टिन।
सरसों तेल दादरी- 9,625 रुपये प्रति क्विंटल।
सरसों पक्की घानी- 1,645 -1,740 रुपये प्रति टिन।
सरसों कच्ची घानी- 1,645 -1,745 रुपये प्रति टिन।
तिल तेल मिल डिलिवरी – 18,900-21,000 रुपये प्रति क्विंटल।
सोयाबीन तेल मिल डिलिवरी दिल्ली- 9,300 रुपये प्रति क्विंटल।
सोयाबीन मिल डिलिवरी इंदौर- 9,200 रुपये प्रति क्विंटल।
सोयाबीन तेल डीगम, कांडला- 7,775 रुपये प्रति क्विंटल।
सीपीओ एक्स-कांडला- 7,560 रुपये प्रति क्विंटल।
बिनौला मिल डिलिवरी (हरियाणा)- 8,025 रुपये प्रति क्विंटल।
पामोलिन आरबीडी, दिल्ली- 8,780 रुपये प्रति क्विंटल।
पामोलिन एक्स- कांडला- 7,950 रुपये (बिना जीएसटी के) प्रति क्विंटल।
सोयाबीन दाना – 4,890-4,950 रुपये प्रति क्विंटल।
सोयाबीन लूज- 4,700-4,750 रुपये प्रति क्विंटल।
मक्का खल (सरिस्का)- 4,050 रुपये प्रति क्विंटल।
भाषा राजेश राजेश अजय
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