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पहली छमाही में एआई संबंधी भूमिकाओं में ‘फ्रेशर’ को लेने की योजना बना रहे हैं ज्यादातर नियोक्ता

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मुंबई, 22 अप्रैल (भाषा) कृत्रिम मेधा (एआई) तेजी से देश के नौकरी बाजार को नया आकार दे रही है और नियोक्ताओं का एक बड़ा वर्ग 2025 की पहली छमाही (जनवरी-जून) में एआई-संबंधित विभिन्न भूमिकाओं के लिए नए लोगों (पहली बार नौकरी तलाशने वाले फ्रेशर) को नियुक्त करने की योजना बना रहा है। मंगलवार को जारी एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई।

टीमलीज एडटेक की हालिया ‘करियर परिदृश्य रिपोर्ट-2025’ के अनुसार, देश में 74 प्रतिशत से अधिक नियोक्ताओं का जनवरी-जून के दौरान फ्रेशर को नियुक्त करने का इरादा है।

नौकरी बाजार में एआई से संबंधित भूमिकाओं के लिए लोगों की मांग सबसे अधिक है।

टीमलीज एडटेक के रोजगार कारोबार के प्रमुख और मुख्य परिचालन अधिकारी (सीओओ) जयदीप केवलरमानी ने कहा, “विकसित होते नौकरी बाजार ने प्रतिभा के मूल्यांकन के तरीके को फिर से परिभाषित किया है। नियोक्ता अब सिर्फ डिग्री के आधार पर ही नियुक्ति नहीं कर रहे हैं, बल्कि वे आंकड़ा प्रस्तुतीकरण, क्लाउड कंप्यूटिंग और रोबोटिक्स जैसे क्षेत्रों में कौशल को प्राथमिकता दे रहे हैं।”

उन्होंने कहा, “यह बदलाव नए लोगों के लिए उच्च प्रभाव वाली भूमिकाओं में कदम रखने और उद्योगों में नवोन्मेषण का प्रमुख चालक बनने के लिए अद्वितीय अवसर पैदा कर रहा है।”

टीमलीज एडटेक की हालिया ‘करियर आउटलुक रिपोर्ट-2025’ भारत भर के 649 नियोक्ताओं के बीच एक सर्वेक्षण पर आधारित है।

इस बीच, रिपोर्ट से पता चला है कि एआई के बाद, ई-कॉमर्स और प्रौद्योगिकी स्टार्ट-अप में 70 प्रतिशत कंपनियां फ्रेशर को काम पर रखने की योजना बना रही हैं। इसके बाद विनिर्माण क्षेत्र में 66 प्रतिशत और इंजीनियरिंग और बुनियादी ढांचा क्षेत्र में 62 प्रतिशत हैं।

बेंगलुरु, मुंबई और चेन्नई जैसे शहर प्रमुख रोजगार केंद्र बने हुए हैं। इन शहरों में फ्रेशर की नियुक्ति की मंशा क्रमशः 78 प्रतिशत, 65 प्रतिशत और 57 प्रतिशत तक पहुंच गई है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि कंपनियां ऐसे प्रतिभावान लोगों की तलाश कर रही हैं जो रोबोटिक प्रक्रिया स्वचालन, प्रदर्शन विपणन, नेटवर्क सुरक्षा और वित्तीय जोखिम विश्लेषण को समझते हों।

भाषा अनुराग अजय

अजय

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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