नयी दिल्ली, 16 दिसंबर (भाषा) विधायका और कंपनियों के निदेशक मंडल में महिलाओं को आरक्षण दिए जाने की जरूरत है, ताकि निर्णय लेने वाले इन शीर्ष निकायों में उनकी भागीदारी सुनिश्चित हो सके। उद्योग जगत की दिग्गज महिलाओं कल्पना मोरपारिया और नैना लाल किदवई ने शुक्रवार को यह राय व्यक्त की।
उन्होंने कहा कि हालांकि इन शीर्ष पदों पर महिलाएं योग्यता के आधार पर अपनी जगह बनाना चाहेंगी, लेकिन महिलाओं के प्रतिनिधित्व को लेकर भारत में हुई धीमी प्रगति को देखते हुए आरक्षण की जरूरत है।
जेपी मॉर्गन की पूर्व चेयरपर्सन (दक्षिण और दक्षिण पूर्व एशिया) मोरपारिया ने उद्योग मंडल फिक्की के वार्षिक सम्मेलन में यहां कहा, ”एक क्षेत्र जहां हमें वास्तव में आरक्षण की जरूरत है, वह विधायिका और संसद है, क्योंकि वहां दरवाजा बंद है और आरक्षण पर जोर देकर आप उस दरवाजे को खोल सकते हैं।”
रॉथ्सचाइल्ड एंड कंपनी इंडिया की चेयरपर्सन और भारत में एचएसबीसी ग्रुप ऑफ कंपनीज की पूर्व चेयरपर्सन किदवई ने कहा, ”मैं संसद में आरक्षण के पक्ष में हूं, क्योंकि हमने ऐसा पंचायत में किया है।”
उन्होंने कहा कि कंपनियों के निदेशक मंडल में शामिल होने के लिहाज से महिलाओं की प्रगति काफी धीमी है, इसलिए वहां आरक्षण देने की जरूरत है।
भाषा पाण्डेय रमण
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