मुंबई, छह जुलाई (भाषा) उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजनाओं में सार्वजनिक निवेश बढ़ने से बेहतर हुई कारोबारी धारणा के बीच कंपनियों ने जुलाई-सितंबर की तिमाही में अधिक कर्मचारियों को भर्ती करने की मंशा जताई है।
टीमलीज की रोजगार परिदृश्य रिपोर्ट में कहा गया है कि अप्रैल-जून तिमाही की तुलना में मौजूदा तिमाही में कंपनियों की नई भर्तियां करने की मंशा सात प्रतिशत बढ़कर 61 प्रतिशत पर पहुंच गई है। पिछली तिमाही में नई भर्तियां करने की मंशा 54 प्रतिशत अंक पर रही थी।
देशभर के 14 शहरों में स्थित करीब 900 छोटी, मझोली एवं बड़ी कंपनियों के बीच कराए गए सर्वेक्षण के आधार पर यह निष्कर्ष निकाला गया है।
रिपोर्ट के मुताबिक, महानगरों एवं टियर-1 शहरों में इसमें सात प्रतिशत अंक की वृद्धि देखने को मिली है। चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में यह 81 प्रतिशत अंक थी जो दूसरी तिमाही में बढ़कर 89 प्रतिशत अंक पर पहुंच गई है।
वहीं दूसरी श्रेणी के शहरों में नई भर्तियां करने की मंशा सात प्रतिशत बढ़कर 62 प्रतिशत अंक पर पहुंच गई जबकि तीसरी श्रेणी के शहरों के लिए यह संभावना तीन प्रतिशत बढ़कर 37 प्रतिशत अंक रही है।
रिपोर्ट के मुताबिक, ग्रामीण एवं कस्बाई इलाकों में भी नई भर्तियां करने की मंशा में दो प्रतिशत की बढ़त दर्ज की गई है।
अगर क्षेत्रवार नजरिये से देखें तो विनिर्माण में दिल्ली सर्वाधिक 72 प्रतिशत भर्ती संभावना के साथ सबसे आगे है जबकि मुंबई (59 प्रतिशत) और चेन्नई (55 प्रतिशत) दूसरे एवं तीसरे स्थान पर हैं।
सेवा क्षेत्र के लिहाज से बेंगलुरु की सर्वाधिक 97 प्रतिशत कंपनियों ने जुलाई-सितंबर तिमाही में भर्तियां करने की मंशा जताई है। इसके बाद मुंबई (81 प्रतिशत) और दिल्ली (68 प्रतिशत) का स्थान है।
टीमलीज की कार्यकारी निदेशक एवं सह-संस्थापक ऋतुपर्णा चक्रवर्ती ने कहा कि कुल मिलाकर समूचे कारोबारी माहौल में सुधार है और अधिक कंपनियां अब नई भर्तियां करने की योजना बना रही हैं। उन्होंने कहा, ‘‘पीएलआई योजनाओं में सार्वजनिक निवेश बढ़ाने से संभावनाएं बेहतर हुई हैं। नई भर्तियां करने की मंशा में न केवल सुधार है, बल्कि अगली कुछ तिमाहियों में इसके 70 प्रतिशत का आंकड़ा पार कर जाने की संभावना भी है।’’
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प्रेम अजय
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