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Saturday, 21 December, 2024
होमदेशअर्थजगतमोदी ने 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था के लक्ष्य को दोहराया, आर्थिक संकट पर साधी चुप्पी

मोदी ने 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था के लक्ष्य को दोहराया, आर्थिक संकट पर साधी चुप्पी

नरेंद्र मोदी ने निर्यात बढ़ाने की ज़रुरत पर बल दिया और कहा कि, 'छोटे व्यपारियों को भी वैश्विक बाज़ार से जोड़ने की जरूरत है.'

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नई दिल्ली: स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लाल किले की प्राचीर से नरेंद्र मोदी ने एक बार फिर से भारत को 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने पर ज़ोर दिया. मोदी पहले भी इस बात को कहते आए हैं कि अगले 5 सालों में भारत 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बन जाएगा. मोदी ने अपने भाषण में वर्तमान अर्थव्यवस्था की बुरी हालत पर कुछ भी नहीं कहा.

लाल किले की प्राचीर से अपने भाषण में नरेंद्र मोदी ने कहा कि, ‘देश के सभी जिलों को निर्यात का केंद्र बनाने की जरूरत है. उन्होंने कहा देश की अर्थव्यवस्था को विस्तार देने के लिए ये कदम काफी कारगर साबित हो सकता है.’

मोदी ने कहा, ‘बहुत लोग मानते हैं कि 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनना काफी मुश्किल है. लेकिन, हमारी सरकार ऊंचे लक्ष्य तय करती है और यहां तक पहुंचना बिल्कुल भी असंभव नहीं है. पिछले 70 सालों में हम महज 2 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बन पाए. लेकिन, पिछले 5 सालों में ही हमारी अर्थव्यवस्था 1 ट्रिलियन डॉलर बढ़ी है.’

भारत को अगर अगले 5 सालों में 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनना है, तो इसके लिए यह जरुरी है कि हर साल जीडीपी 8 प्रतिशत की हो. लेकिन अर्थव्यवस्था की मौजूदा हालातों को देखते हुए बहुत सारे अर्थशास्त्रियों का मानना है कि 2019-2020 में भारत की जीडीपी 7 प्रतिशत की होगी. प्रधानमंत्री के आर्थिक सलाहकार समिति के चेयरमैन बिबेक देबरॉय का मानना है कि 2019-2020 में जीडीपी की दर 6 प्रतिशत रह सकती है. पिछले 5 सालों में पहली बार भारत की अर्थव्यवस्था की दर सबसे निचले स्तर पर रही थी. अर्थशास्त्रियों का मानना है कि 2019-20 के तीसरी तिमाही तक अर्थव्यवस्था में सुधार हो सकता है.

2018-19 के दौरान जीडीपी दर लगातार दूसरे साल कम रही. 2018-19 में जीडीपी 6.8 प्रतिशत रही, जो 2017-18 में 7.2 प्रतिशत और 2016-17 में 8.2 प्रतिशत थी.

नरेंद्र मोदी ने निर्यात बढ़ाने की ज़रुरत पर बल दिया और कहा कि, ‘छोटे व्यपारियों को भी वैश्विक बाज़ार से जोड़ने की जरूरत है. देश के सभी ज़िलों को निर्यात हब बनने की दिशा में सोचना चाहिए. सभी जगहों की अपनी कुछ विशेषताएं होती है. कोई जगह मिठाई, कोई बर्तन तो कोई साड़ी के लिए जानी जाती है. इन जगहों को वैश्निक बाज़ार से जुड़ना चाहिए, इनसे रोज़गार के कई अवसर पैदा हो सकते हैं.’

मोदी का यह बयान उस वक्त आया है जब देश का ऑटोमोबाइल सेक्टर में भारी मंदी आई हुई है और उपभोक्ता मांग में भी काफी कमी आई है. मोदी ने निवेशकों से भी अपील की कि वो निवेश करें जिससे रोजगार पैदा हो सकें.

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