मुंबई : राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) ने कोविड-19 के इलाज में काम आने वाले आक्सीजन उपकरणों और अन्य सभी प्रकार की दवाओं पर माल एवं सेवाकर (जीएसटी) हटाने की मांग की है. उसका कहना है कि इन उपकरणों पर शुल्क होने के कारण स्वास्थ्य सेवा प्रणाली को नुकसान पहुंच रहा है.
महाराष्ट्र के एनसीपी के प्रमुख जयंत पाटिल ने वाणिज्य एवं उद्योग मंडल एसोचैम द्वारा केन्द्रीय वित्त मंत्रालय को लिखे गये एक पत्र को टैग करते हुये ट्वीट किया है. एसोचैम के छह मई के इस पत्र में वित्त मंत्रालय से आक्सीजन उत्पादों और दवाओं पर जीएसटी, सीमा शुल्क और अन्य शुलकों को 31 मई 2022 तक के लिये हटाने का आग्रह किया गया है.
पाटिल महाराष्ट्र के जल संसाधन मंत्री भी हैं. शनिवार राहत को किये गये इस ट्वीट में उन्होंने वित्त मंत्रालय से उद्योग मंडल एसोचैम की मांग पर ध्यान देने का आग्रह किया है. उन्होंने कहा कि देश इस समय चिकित्सा उपकरणों की कमी और उपलब्धता में तंगी के दौर से गुजर रहा है ऐसे में इन उपकरणों पर 12 प्रतिशत की दर से शुल्क लगाना ठीक नहीं है. सरकार को आक्सीजन में काम आने वाले तमाम उपकरणों पर जीएसटी समाप्त कर देना चाहिये, यह स्वास्थ्य सेवाओं पर प्रतिकूल प्रभाव डाल रहा है.
महाराष्ट्र में शिवसेना और कांग्रेस के साथ एनसीपी भी सरकार में भागीदार है.
एसोचैम के इस पत्र में कहा गया है कि जीएसटी से जुड़े मुद्दे जीएसटी परिषद के दायरे में आते हैं इसलिये इस पत्र की प्रति सभी राज्यों के वित्त मंत्रियों को भी भेजी गई है ताकि इस पर तेजी से कोई निर्णय लिया जा सके.
इसमें कहा गया है कि देश को विभिन्न राज्यों में चिकित्सा उपकरणों, दवाओं, अस्पतालों के बिस्तरों की अचानक बढ़ी मांग को पूरा करने के लिये अस्पताल पीएसए प्लांट लगा रहे हैं, राज्य सरकारें, कंपनियां, लोग और दानदाता आक्सीजीन कंन्सनट्रेटर्स, िसलेंडर, क्रायोजेनिक स्टोरेज टैंक, टेंकर और कंटेनर खरीद रहे हैं. ऐसे में जीएसटी हटाने जैसे उपायों की जरूरत है ताकि चिकित्सा सामग्री की आपूर्ति में कोई तंगी नहीं हो. यह केवल मौजूदा दूसरी लहर के लिये ही नहीं बल्कि तीसरी लहर की संभावना को देखते हुये हुये भी जरूरी है.