नई दिल्ली: नरेंद्र मोदी सरकार के वित्त मंत्रालय में आर्थिक मामलों के विभाग के सचिव तरुण बजाज ने कहा कि अर्थव्यवस्था वी-आकार की रिकवरी की उम्मीद है और वृद्धि 2021-22 तक.
फेडरेशन ऑफ इंडियन चैम्बर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (फिक्की) द्वारा आयोजित गुरुवार को एक सम्मेलन में बोलते हुए बजाज ने कहा कि अग्रिम कर संग्रह के आंकड़ों से संकेत मिलता है कि कई वित्तीय संस्थानों द्वारा अर्थव्यवस्था के पूर्वानुमान में संकुचन तब तक खराब नहीं हो सकता जब तक कि यह अप्रत्याशित तौर पर न हो.
उन्होंने कहा, ‘मैं एक वी-आकार की रिकवरी के लिए आशान्वित हूं. यह वर्ष हमारे लिए गंवाने वाला हो सकता है, लेकिन अगले वर्ष रिकवरी की उम्मीद है.’ उन्होंने कहा कि अब तक राजस्व संग्रह भी ‘ठीक’ हैं.
उन्होंने कहा, ‘हम बजट संख्या जितना कर संग्रह नहीं कर सकते हैं, लेकिन यह प्रत्याशित तौर पर बुरा नहीं हो सकता है.’
कर संग्रह से बढ़ी सरकार की उम्मीद
अप्रैल-जून तिमाही में व्यक्तिगत आय कर और कॉर्पोरेट करों से सकल कर संग्रह पिछले वर्ष की इसी तिमाही में एकत्र कर का 77 प्रतिशत था. सरकार को लगता है कि यह संख्या दिखाती है कि कोविड-19 के प्रसार को रोकने के लिए 25 मार्च से शुरू हुए 2 महीने के राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के बाद जून में आर्थिक गतिविधियां पुनर्जीवित हुई हैं. जून की जीएसटी की संख्या ने भी सरकार की उम्मीदों को बढ़ाया है.
सरकार ने यह भी कहा है कि बिजली की मांग और माल की आवाजाही में हुए इजाफे से अर्थव्यवस्था में नजर आए हरे रंग यानि वृद्धि को बढ़ाने वाले संकेत हैं.
वित्तीय संस्थानों और अर्थशास्त्रियों ने अनुमान लगाया है कि भारतीय अर्थव्यवस्था 2020-21 में 5-12 प्रतिशत तक पहुंचेगी, लेकिन 2021-22 में वृद्धि बदलेगी.
सरकार और भारतीय रिजर्व बैंक ने 21 लाख करोड़ रुपये से अधिक की आर्थिक उपायों की घोषणा की थी, लेकिन मुख्य तौर पर यह उद्योगों को तरलता प्रदान करने के रूप में थी.
बुधवार को, मुख्य आर्थिक सलाहकार कृष्णमूर्ति सुब्रमण्यन ने संकेत दिया कि सरकार कोविड-19 वैक्सीन पर निश्चितता होने के बाद ही मांग को पुनर्जीवित करने के लिए राजकोषीय बढ़ावा दे सकती है.
भारत ने स्वदेशी रूप से विकसित कोविड वैक्सीन, कोवाक्सिन के लिए मानव पर परीक्षण की प्रक्रिया शुरू कर दी है. इस सप्ताह की शुरुआत में, ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय ने बना रेह टीके के परीक्षण के आंकड़ें बताने को कहा है.
बजाज ने फार्मास्यूटिकल्स और इलेक्ट्रॉनिक विनिर्माण के लिए पहले से घोषित उत्पादन से जुड़े प्रोत्साहन योजना के अलावा विभिन्न क्षेत्रों को अधिक प्रोत्साहन प्रदान करने की सरकार की योजना को रेखांकित किया.
उन्होंने कहा, ‘हम जल्द ही 4-5 और क्षेत्रों के लिए उत्पादन से जुड़े प्रोत्साहन की घोषणा करेंगे जो या तो उभर रहे क्षेत्र हैं या निर्यातोन्मुख हैं.’
बजाज ने कहा कि सरकार बुनियादी ढांचा विभागों को उनकी खर्च योजनाओं को जारी रखने के लिए प्रोत्साहित कर रही है. उन्होंने यह भी कहा कि वित्त मंत्रालय रेलवे, बिजली, शिपिंग और राजमार्ग- जैसे अन्य मंत्रालयों के बुनियादी ढांचे के वित्तपोषण में मदद के लिए संपत्ति का मुद्रीकरण का काम कर रहा है.
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