नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने बुधवार को कहा कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भारत की विनिर्माण क्षमताओं को बढ़ाने के लिए ऑटो, ऑटो कलपुर्जा और ड्रोन उद्योग के लिए 26,058 करोड़ रुपये की उत्पादन आधारित प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना को मंजूरी दी.
पीएलआई योजना भारत में उन्नत ऑटोमोटिव तकनीक की वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला के विकास को प्रोत्साहित करेगी.
इस कदम से 7.6 लाख से अधिक लोगों को अतिरिक्त रोजगार मिलने का अनुमान है.
ठाकुर ने मंत्रिमंडल की बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा कि उद्योग को पांच साल में 26,058 करोड़ रुपये का प्रोत्साहन दिया जाएगा.
उन्होंने कहा कि पीएलआई योजना के तहत पांच वर्षों में 42,500 करोड़ रुपये से अधिक का नया निवेश होगा और 2.3 लाख करोड़ रुपये से अधिक का वृद्धिशील उत्पादन होगा.
केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि सरकार भारत में विनिर्माण क्षमताओं को बढ़ाने के लिए ऑटो उद्योग, ऑटो कॉमपोनेंट उद्योग और ड्रोन इंडस्ट्री के लिए प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव स्कीम लेकर आई है.
उन्होंने कहा, ‘इस योजना में 26,058 करोड़ का प्रावधान किया गया है. अनुमान है कि 5 वर्षों में लगभग 47,500 करोड़ रुपये का अतिरिक्त निवेश होगा और लगभग 7,60,000 व्यक्तियों के लिए रोज़गार के अतिरिक्त अवसर मिलेंगे.’
ठाकुर ने कहा, ‘ड्रोन के लिए पीएलआई योजना में तीन वर्षों में 5,000 करोड़ से अधिक का नया निवेश आने की उम्मीद है. ऐसा लगता है कि 1500 करोड़ से अधिक का इन्क्रीमेंटल उत्पादन ये लाएगी.’ वहीं टेलिकॉम सेक्टर के ऑटोमेटिक रूट में 100% एफडीआई की भी अनुमति दी गई है.
आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि टेलीकॉम सेक्टर में नौ ढांचागत सुधार और पांच प्रक्रिया सुधार को भी कैबिनेट ने मंजूरी दी है. इन सुधारों से टेलीकॉम सेक्टर के पूरे फ्रेमवर्क में बदलाव आएंगे और उद्योग को विस्तार मिलेगा.
उन्होंने कहा, ‘आज पीएम मोदी ने एजीआर पर एक कड़ा फैसला किया है. एजीआर की व्याख्या को लेकर ये फैसला किया गया है. सभी तरह के गैर-टेलीकॉम रेवेन्यू को एजीआर से बाहर रखा जाएगा.’
वैष्णव ने कहा, ‘स्पैक्ट्रम शेयरिंग को भी अनुमति दे दी गई है. और ये पूरी तरह से मुफ्त है. भविष्य के ऑक्शन के लिए स्पैक्ट्रम की समयसीमा 20 साल से बढ़ाकर 30 साल कर दी गई है.’
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