नयी दिल्ली, 25 नवंबर (भाषा) विदेशों बाजारों में तेजी के बावजूद दिल्ली तेल-तिलहन बाजार में शुक्रवार को कारोबार का मिला जुला रुख रहा। स्थानीय स्तर पर मांग कमजोर होने से सरसों, मूंगफली तेल तिलहन, सोयाबीन तिलहन, सोयाबीन डीगम तेल और बिनौला जैसे तेल तिलहन कीमतों में गिरावट देखने को मिली।
मलेशिया एक्सचेंज में तेजी के कारण कच्चा पामतेल (सीपीओ) के दाम में सुधार आया। कमजोर मांग के बीच पामोलीन तेल के साथ साथ बाकी तेल तिलहनों के भाव भी पूर्वस्तर पर बंद हुए।
सूत्रों ने बताया कि मलेशिया एक्सचेंज में 2.25 प्रतिशत की तेजी थी। जबकि शाम वाले सत्र और सोमवार को बाजार बंद रहेगा। शिकागो एक्सचेंज रात 8.30 बजे खुलेगा। उन्होंने कहा कि सोयाबीन डीगम तेल आयात करने में कहीं सस्ता पड़ता है इसलिए इसमें गिरावट है जबकि मलेशिया एक्सचेंज के मजबूत होने के साथ साथ सस्ता होने के कारण सीपीओ में सुधार आया।
उन्होंने कहा कि सरकार ने रबी सत्र के लिए सूरजमुखी बीज का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 5,400 रुपये से बढ़ाकर 5,800 रुपये क्विन्टल कर दिया है। पेराई के बाद यह तेल 145-150 रुपये किलो बैठता है। दूसरी ओर कांडला बंदरगाह पर आयातित सूरजमुखी तेल 112 रुपये किलो पड़ता है। इस स्थिति में यह सोचना होगा कि कोई भी किसान सूरजमुखी उगाने और तिलहन उत्पादन बढ़ाने को क्यों उत्सुक होगा। सूरजमुखी के सस्ते आयातित तेल के आगे उनकी उपज की खरीद कौन करेगा?
सूत्रों ने कहा कि सरकार यदि देश में सूरजमुखी का उत्पादन बढ़ाना चाहती है तो उसे इस तेल के आयात पर शुल्क लगाना चाहिये।
उन्होंने कहा कि विदेशों में तेल कीमतों में मंदी आने के पहले पामोलीन का भाव 170 रुपये किलो था। इंडोनेशिया द्वारा अपना खाद्यतेल निर्यात खोलने के फैसले के बाद तेल कीमतों में आई मंदी के बाद कांडला बंदरगाह पर पामोलीन तेल का भाव घटकर लगभग 85 रुपये किलो रह गया। मंदी के लगभग छह महीने हो रहे हैं और इसका असर पामोलीन पर तत्काल दिखाई दिया मगर सूरजमुखी और सोयाबीन रिफाइंड पर ऐसा असर नहीं हुआ। सरकार द्वारा निर्धारित ‘कोटा व्यवस्था’ के कारण बाजार में ‘शार्ट-सप्लाई’ (कम आपूर्ति) होने से सूरजमुखी और सोयाबीन तेल के भाव में अपेक्षित गिरावट नहीं आई उल्टे थोक और खुदरा बाजार में इन तेलों के भाव महंगे हो गये।
सूत्रों ने कहा कि संबंधित अधिकारियों, विभागों और सरकार को कोई फैसला करने से पहले हर तरह के अंशधारकों की राय लेनी होगी तभी कोई ऐसा सटीक फैसला लिया जा सकता है जिससे किसान, तेल उद्योग और उपभोक्ताओं में सभी को लाभ पहुंचे।
शुक्रवार को तेल-तिलहनों के भाव इस प्रकार रहे:
सरसों तिलहन – 7,275-7,325 (42 प्रतिशत कंडीशन का भाव) रुपये प्रति क्विंटल।
मूंगफली – 6,510-6,570 रुपये प्रति क्विंटल।
मूंगफली तेल मिल डिलिवरी (गुजरात) – 14,950 रुपये प्रति क्विंटल।
मूंगफली रिफाइंड तेल 2,425-2,690 रुपये प्रति टिन।
सरसों तेल दादरी- 14,750 रुपये प्रति क्विंटल।
सरसों पक्की घानी- 2,230-2,360 रुपये प्रति टिन।
सरसों कच्ची घानी- 2,290-2,415 रुपये प्रति टिन।
तिल तेल मिल डिलिवरी – 18,900-21,000 रुपये प्रति क्विंटल।
सोयाबीन तेल मिल डिलिवरी दिल्ली- 14,300 रुपये प्रति क्विंटल।
सोयाबीन मिल डिलिवरी इंदौर- 13,880 रुपये प्रति क्विंटल।
सोयाबीन तेल डीगम, कांडला- 12,800 रुपये प्रति क्विंटल।
सीपीओ एक्स-कांडला- 8,950 रुपये प्रति क्विंटल।
बिनौला मिल डिलिवरी (हरियाणा)- 12,400 रुपये प्रति क्विंटल।
पामोलिन आरबीडी, दिल्ली- 10,450 रुपये प्रति क्विंटल।
पामोलिन एक्स- कांडला- 9,600 रुपये (बिना जीएसटी के) प्रति क्विंटल।
सोयाबीन दाना – 5,600-5,700 रुपये प्रति क्विंटल।
सोयाबीन लूज 5,410-5,460 रुपये प्रति क्विंटल।
मक्का खल (सरिस्का) 4,010 रुपये प्रति क्विंटल।
भाषा राजेश राजेश रमण
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