नयी दिल्ली, चार मई (भाषा) कॉरपोरेट मामलों का मंत्रालय 3,300 से अधिक कंपनियों के नाम आधिकारिक रिकॉर्ड से हटाने की तैयारी कर रहा है। इन कंपनियों से उनका नाम हटाने के लिए आवेदन प्राप्त हुए हैं।
मंत्रालय के पास उपलब्ध ताजा आंकड़ों के अनुसार, विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के कंपनी पंजीयक (आरओसी) ने कंपनी अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार अप्रैल में इन कंपनियों के नाम हटाने के संबंध में सार्वजनिक नोटिस जारी किए है।
आंकड़ों से पता चलता है कि राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 3,300 से अधिक कंपनियों को आधिकारिक रिकॉर्ड से हटाया जाना है। इनमें से 700 से अधिक कंपनियां महाराष्ट्र की हैं। दिल्ली में लगभग 500, कर्नाटक में 350 से अधिक, गुजरात, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल में 200 से अधिक ऐसी कंपनियां हैं, जिनका नाम आधिकारिक रिकॉर्ड से हटाया जाना है।
कंपनी पंजीयक को कंपनी अधिनियम की धारा 248(2) के तहत कुछ आधार पर कंपनियों से आवेदन प्राप्त हुए थे। इनमें वे कंपनियां भी शामिल हैं जो गठन के एक साल के भीतर अपना कारोबार शुरू नहीं कर पाई हैं। इसमें उन कंपनियों का नाम भी शामिल है जिन्होंने पिछले दो वित्त वर्षों में कोई कारोबार या परिचालन नहीं किया है।
कंपनियों ने आधिकारिक रिकॉर्ड से अपने नाम हटाने/काटने का अनुरोध किया है। धारा 248(2) के तहत, कोई कंपनी अपनी सभी देनदारियों को समाप्त करने के बाद, विशेष प्रस्ताव या चुकता शेयर पूंजी के संदर्भ में 75 प्रतिशत सदस्यों की सहमति से, कुछ शर्तों के अधीन अपने नाम हटाने के लिए आवेदन कर सकती है।
भाषा अजय अजय अनुराग
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