नयी दिल्ली, 18 सितंबर (भाषा) बीमा उद्योग में विलय और अधिग्रहण सौदे जारी रहेंगे तथा विशेष कौशल के साथ नयी कंपनियों का प्रवेश भी जारी रहेगा। हालांकि जानकारों का मानना है कि नयी कंपनियों को दीर्घावधि का नजरिया रखना होगा।
इस क्षेत्र के पिछले घटनाक्रम और राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) की मुंबई पीठ द्वारा हाल में एचडीएफसी लाइफ के साथ एक्साइड लाइफ इंश्योरेंस के विलय की अनुमति देने से साफ है कि आवश्यक विशेषज्ञता के बिना इस क्षेत्र में आई कंपनियों को कारोबार छोड़ना पड़ सकता है।
विलय और अधिग्रहण की जटिलताओं से खुद को सक्षम बनाने के लिए भारतीय बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण (इरडा) ने ऐसे सलाहकारों की तलाश शुरू कर दी है, जो सार्वजनिक और निजी क्षेत्र की बीमा कंपनियों का मूल्यांकन कर सकें। इरडा अपने अधिकारियों को मूल्यांकन पद्धति के बारे में प्रशिक्षित कर रहा है।
बाजार में मौजूद कंपनियों और विश्लेषकों का विचार है कि इस क्षेत्र में वृद्धि की पर्याप्त संभावनाएं हैं और बीमा उद्योग में नयी कंपनियों के प्रवेश तथा विलय और अधिग्रहण (एमएंडए) के पर्याप्त मौके हैं।
एसबीआई जनरल इंश्योरेंस के उप प्रबंध निदेशक आनंद पेजावर ने कहा, ”दूसरे क्षेत्रों की तरह इस क्षेत्र में भी विलय और अधिग्रहण जारी रहेंगे और भविष्य में नए अवसर देखने को मिलेंगे।”
उन्होंने कहा कि मजबूत वित्तीय और सही प्रबंधन प्रथाओं वाले खिलाड़ी लंबे समय तक बढ़ते रहेंगे।
पेजावर ने आगे कहा कि भारत का बीमा परिदृश्य विशाल है और कंपनियों के लिए साथ-साथ वृद्धि करने की पर्याप्त गुंजाइश है।
इस समय देश में 24 जीवन बीमा कंपनियां और 31 सामान्य बीमा कंपनियां है।
भाषा पाण्डेय प्रेम
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