scorecardresearch
Sunday, 16 June, 2024
होमदेशअर्थजगतमारुति सुजुकी अपने मॉडलों में मजबूत हाइब्रिड प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल की तैयारी में

मारुति सुजुकी अपने मॉडलों में मजबूत हाइब्रिड प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल की तैयारी में

Text Size:

नयी दिल्ली, तीन जुलाई (भाषा) हरित प्रौद्योगिकी को बढ़ावा देते हुए मारुति सुजुकी इंडिया (एमएसआई) ने अपने मॉडलों में मजबूत हाइब्रिड प्रौद्योगिकी को अपनाने की योजना बनाई है।

कंपनी के एक अधिकारी ने यह जानकारी देत हुए कहा कि इस लक्ष्य को अगले 5-7 वर्षों में हासिल किया जाएगा।

प्रमुख वाहन कंपनी का लक्ष्य अपने प्रत्येक मॉडल में पर्यावरण के अनुकूल प्रौद्योगिकी को बढ़ावा देना है, ताकि बेहतर ईंधन दक्षता और कम कार्बन उत्सर्जन को हासिल किया जा सके।

कंपनी इलेक्ट्रिक वाहन, सीएनजी कारों और एथनॉल तथा बायो-सीएनजी के अनुकूल इंजन पर अधिक ध्यान केंद्रित करने को प्राथमिकता देगी।

एमएसआई के मुख्य तकनीकी अधिकारी सी वी रमन ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘अगले पांच से सात वर्षों में हर मॉडल में (हरित प्रौद्योगिकी का) कोई न कोई तत्व होगा। पूरी श्रृंखला में कोई शुद्ध पेट्रोल पावरट्रेन नहीं होगा।’’

उन्होंने कहा कि कंपनी आने वाले वक्त में कई मॉडलों के लिए मजबूत हाइब्रिड तकनीक की तलाश कर रही है।

रमन से जब पूछा गया कि क्या सभी मॉडलों में मजबूत सेल्फ-चार्जिंग हाइब्रिड पावरट्रेन होंगे, तो उन्होंने कहा, ‘‘हम निश्चित रूप से उस विकल्प पर गौर करेंगे।’’

उन्होंने कहा कि कंपनी जब कोई तकनीक लाती है, तो उसे अधिक से अधिक मॉडलों में लागू करने की कोशिश की जाती है।

कंपनी की आगामी मध्यम आकार की एसयूवी में दमदार हाइब्रिड सिस्टम होगा। एमएसआई इस महीने के अंत में इस मॉडल से पर्दा उठाने वाली है।

हाइब्रिड कारें गैसोलीन इंजन और इलेक्ट्रिक मोटर्स के फायदों को जोड़ती हैं। एक हल्की हाइब्रिड प्रणाली केवल मामूली फायदे देती है, जबकि मजबूत हाइब्रिड प्रणाली, जिसमें बड़ी बैटरी और संबंधित एग्रीगेट शामिल हैं, से ईंधन दक्षता में काफी बढ़ोतरी होती है और कार्बन उत्सर्जन कम हो जाता है।

रमन ने कहा कि इस समय देश में पर्याप्त चार्जिंग अवसंरचना के अभाव में, शुद्ध रूप से बैटरी इलेक्ट्रिक वाहनों की ओर बदलाव के चरण में हाइब्रिड प्रौद्योगिकी सबसे सही है।

यह पूछने पर कि क्या हाइब्रिड वाहनों को भी बैटरी इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) की तरह कर लाभ मिलना चाहिए, रमन ने कहा, ‘‘इसे (हाइब्रिड प्रौद्योगिकी) इसका बकाया हक (कराधान के संदर्भ में) मिलना चाहिए।’’

देश में हाइब्रिड वाहनों पर कुल कर 43 प्रतिशत है, जबकि बैटरी इलेक्ट्रिक वाहनों पर लगभग पांच प्रतिशत कर लगता है।

भाषा पाण्डेय अजय

अजय

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

share & View comments