नयी दिल्ली, दो जून (भाषा) देश की सबसे बड़ी कार विनिर्माता कंपनी मारुति सुजुकी इंडिया ने सोमवार को देश में छोटी कारों की बिक्री को बढ़ाने के लिए प्रोत्साहनों की मांग की। कंपनी का कहना है कि छोटी कारों का दाम ऊंचा होने की वजह से इस खंड में धीरे-धीरे गिरावट देखी जा रही है।
कभी भारतीय यात्री वाहन बाजार में छोटी कारों का दबदबा था। आज कुल यात्री वाहन बाजार में इस खंड की हिस्सेदारी घटकर 30 प्रतिशत से भी कम रह गई है।
पांच लाख रुपये से कम कीमत वाली प्रवेश स्तर की कारें जो वित्त वर्ष 2015-16 में लगभग 10 लाख इकाई (9,34,538 यूनिट) हुआ करती थीं, 2024-25 में यह घटकर सिर्फ 25,402 इकाई रह गई हैं।
मारुति सुजुकी के ऑल्टो और एस-प्रेसो जैसे मॉडल की बिक्री मई में घटकर 6,776 इकाई रह गई, जबकि पिछले साल इसी महीने में यह 9,902 इकाई रही थी। यहां तक कि बलेनो, सेलेरियो, डिजायर, इग्निस, स्विफ्ट और वैगनआर सहित कॉम्पैक्ट कारों की बिक्री भी मई, 2025 में घटकर 61,502 इकाई रह गई जो पिछले साल इसी महीने 68,206 इकाई की हुई थी।
मारुति सुजुकी इंडिया के वरिष्ठ कार्यकारी अधिकारी (विपणन और बिक्री) पार्थो बनर्जी ने एक ऑनलाइन संवाददाता सम्मेलन में कहा कि बढ़े हुए विनियमन के साथ, छोटी कार मॉडलों की कीमतों में काफी वृद्धि हुई है, जिसका असर उन खरीदारों पर पड़ा है जो दोपहिया वाहनों से प्रवेश स्तर की कारों तक जाना चाहते हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए कहीं न कहीं सरकार को यह समझना होगा कि अगर वे वाहन उद्योग को गति देना चाहते हैं, तो उन्हें यह समझने की जरूरत है कि समस्या कहां है और छोटी कारों की बिक्री का आकार कैसे बढ़ाया जाए।’’
उन्होंने कहा, ‘‘कुछ प्रोत्साहनों की आवश्यकता है ताकि जो ग्राहक कार खरीदने में सक्षम नहीं है, वे आ सकें और दोपहिया वाहन से चार पहिया वाहन की ओर जा सकें।’’
भाषा राजेश राजेश अजय
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