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Friday, 8 August, 2025
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अमेरिकी शुल्क की चिंता में बाजार दूसरे दिन भी गिरा; सेंसेक्स 586 अंक टूटा, निफ्टी भी नुकसान में

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मुंबई, एक अगस्त (भाषा) अमेरिकी शुल्क संबंधी चिंताओं और वैश्विक बाजारों में व्यापक बिकवाली के बीच शुक्रवार को भारतीय शेयर बाजार लगातार दूसरे दिन गिरावट के साथ बंद हुए। बीएसई सेंसेक्स 586 अंक टूट गया जबकि एनएसई निफ्टी में भी 203 अंकों की गिरावट दर्ज की गई।

विश्लेषकों के मुताबिक, अमेरिकी सरकार के 25 प्रतिशत शुल्क लगाने के ऐलान के बाद वैश्विक व्यापार में गतिरोध की आशंका बनी हुई है। इसके अलावा विदेशी निवेशकों की लगातार बिकवाली ने भी धारणा को कमजोर किया।

बीएसई का 30 शेयरों पर आधारित मानक सूचकांक सेंसेक्स उतार-चढ़ाव भरे कारोबार में 585.67 अंक यानी 0.72 प्रतिशत गिरकर 80,599.91 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान एक समय यह 690.01 अंक तक टूटकर 80,495.57 के निचले स्तर तक आ गया था।

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का 50 शेयरों वाला मानक सूचकांक निफ्टी भी 203 अंक यानी 0.82 प्रतिशत गिरकर 24,565.35 अंक पर बंद हुआ।

सेंसेक्स में शामिल कंपनियों में से सन फार्मा का शेयर 4.43 प्रतिशत टूट गया। कंपनी ने अप्रैल-जून 2025 तिमाही के शुद्ध लाभ में 20 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की, जिससे निवेशकों की धारणा प्रभावित हुई।

इसके अलावा टाटा स्टील, मारुति, टाटा मोटर्स, इन्फोसिस, भारती एयरटेल और टेक महिंद्रा के शेयर भी गिरावट के साथ बंद हुए।

दूसरी तरफ, ट्रेंट, एशियन पेंट्स, हिंदुस्तान यूनिलीवर, आईटीसी, कोटक महिंद्रा बैंक और रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयरों में तेजी का रुझान देखने को मिला।

एसबीआई सिक्योरिटीज में तकनीकी शोध एवं डेरिवेटिव प्रमुख सुदीप शाह ने कहा, ‘मानक सूचकांक निफ्टी लगातार पांचवें हफ्ते गिरावट के साथ बंद हुआ। यह अगस्त, 2023 के बाद का निफ्टी में साप्ताहिक गिरावट का सबसे लंबा सिलसिला है। ऊपर चढ़ने की तमाम कोशिशों के बावजूद सूचकांक हर बार बिकवाली के दबाव में आ जाता है।’

साप्ताहिक कारोबार में बीएसई सेंसेक्स 863.18 अंक यानी 1.05 प्रतिशत की गिरावट पर रहा जबकि एनएसई निफ्टी में कुल 271.65 अंक यानी 1.09 प्रतिशत की सुस्ती रही।

जियोजीत इन्वेस्टमेंट्स लिमिटेड के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ‘शुल्क धमकियों और दंडात्मक शुल्कों के दबाव में भारतीय इक्विटी बाजार लगातार दूसरे दिन गिरावट में रहे। विदेशी संस्थागत निवेशकों की बिकवाली से भी निवेशक धारणा कमजोर हुई है।’

नायर ने कहा, ‘अमेरिका में मुद्रास्फीति बढ़ने और व्यापार तनावों की वजह से वैश्विक स्तर पर बाजारों में गिरावट रही। घरेलू स्तर पर रोजमर्रा के सामान बनाने वाली कंपनियों (एफएमसीजी) को छोड़कर बिकवाली चौतरफा रही।’

बीएसई पर सूचीबद्ध 2,712 कंपनियों के शेयर गिरावट के साथ बंद हुए जबकि 1,306 शेयरों में तेजी रही और 151 अन्य अपरिवर्तित रहे।

छोटी कंपनियों के सूचकांक बीएसई स्मालकैप में 1.59 प्रतिशत की गिरावट रही जबकि मझोली कंपनियों का मिडकैप सूचकांक 1.37 प्रतिशत गिर गया।

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बृहस्पतिवार को एक सरकारी आदेश पर हस्ताक्षर किए, जिसमें भारत समेत लगभग 70 देशों से आयातित वस्तुओं पर 25 प्रतिशत तक शुल्क लगाने की घोषणा की गई है। यह नया शुल्क सात अगस्त से प्रभावी होगा।

शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने बृहस्पतिवार को 5,588.91 करोड़ रुपये मूल्य के शेयरों की शुद्ध बिकवाली की।

एशिया के अन्य बाजारों में दक्षिण कोरिया का कॉस्पी, जापान का निक्की, चीन का शंघाई कंपोजिट और हांगकांग का हैंगसेंग नुकसान में बंद हुए।

यूरोपीय बाजार गिरावट के साथ कारोबार कर रहे थे। अमेरिकी बाजार बृहस्पतिवार को नकारात्मक दायरे में बंद हुए थे।

इस बीच, ब्रेंट क्रूड वायदा 0.39 प्रतिशत गिरकर 71.42 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया।

बृहस्पतिवार को भी सेंसेक्स 296.28 अंक गिरकर 81,185.58 अंक और निफ्टी 86.70 अंक घटकर 24,786.35 अंक पर बंद हुआ था।

भाषा प्रेम

प्रेम रमण

रमण

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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