मुंबई, सात अप्रैल (भाषा) घरेलू शेयर बाजारों में बृहस्पतिवार को लगातार तीसरे दिन गिरावट रही और बीएसई सेंसेक्स 575 अंक से अधिक लुढ़क कर बंद हुआ। वैश्विक बाजारों में कमजोर रुख के बीच सूचकांक में मजबूत हिस्सेदारी रखने वाले एचडीएफसी लि., एचडीएफसी बैंक, टीसीएस और रिलायंस इंडस्ट्रीज में गिरावट के साथ बाजार नीचे आया।
कारोबारियों के अनुसार अमेरिकी फेडरल रिजर्व की बैठक के ब्योरे में वैश्विक स्तर पर अनिश्चितता के बीच बढ़ती महंगाई से निपटने के लिये उम्मीद के विपरीत अधिक तेजी से नीतिगत दर यानी ब्याज में वृद्धि के संकेत मिले हैं। इससे निवेशकों की धारणा प्रभावित हुई।
इसके अलावा, निवेशकों को आरबीआई की मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक के नतीजे का इंतजार है। मौद्रिक नीति समीक्षा शुक्रवार को जारी की जाएगी।
तीस शेयरों पर आधारित सेंसेक्स 575.46 अंक यानी 0.97 प्रतिशत टूटकर 59,034.95 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान, यह 633.06 अंक यानी 1.06 प्रतिशत तक लुढ़क गया था।
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 168.10 अंक यानी 0.94 प्रतिशत की गिरावट के साथ 17,639.55 अंक पर बंद हुआ।
सेंसेक्स के तीस शेयरों में से एचडीएफसी लि., एचडीएफसी बैंक में लगातार दूसरे दिन गिरावट रही। ये दोनों करीब तीन प्रतिशत नीचे आये। इसके अलावा टाइइटन में सर्वाधिक 3.24 प्रतिशत की गिरावट आयी।
विप्रो, टीसीएस, रिलायंस इंडस्ट्रीज लि. और पावरग्रिड भी नुकसान में रहे।
इसके उलट, एक्सिस बैंक, हिंदुस्तान यूनिलीवर, आईसीआईसीआई बैंक, महिंद्रा एंड महिंद्रा और डा. रेड्डीज लाभ में रहने वाले शेयरों में शामिल हैं। इनमें 2.38 प्रतिशत तक की तेजी रही।
कोटक सिक्योरिटीज लि. इक्विटी शोध प्रमुख (खुदरा) श्रीकांत चौहान ने कहा, ‘‘अमेरिका फेडरल रिजर्व के आक्रमक रुख से ब्याज दर में तीव्र वृद्धि को लेकर चिंता बढ़ी है। इससे लगातार तीसरे कारोबारी सत्र में गिरावट रही। इसके अलावा, निवेशकों ने मौद्रिक नीति की घोषणा से पहले बिकवाली की। हालांकि ज्यादातर विशेषज्ञों का मानना है कि एमपीसी (मौद्रिक नीति समिति) नीतिगत दरों को यथावत रख सकती है।’’
जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ‘‘आरबीआई की मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक में किये गये निर्णय की घोषणा से पहले बाजार में उतार-चढ़ाव रहा। हाल में अच्छा प्रदर्शन करने वाले धातु, बिजली और तेल एवं गैस क्षेत्रों पर बिकवाली का ज्यादा असर रहा। मझोले और छोटी कंपनियों के शेयरों में भी गिरावट रही।’’
उन्होंने कहा, ‘‘अगर आरबीआई की घोषणा बाजार उम्मीद के अनुरूप होती है यानी नीतिगत दर को यथावत रखा जाता है, मुद्रास्फीति अनुमान को हल्का बढ़ाया जाता है और मजबूत आर्थिक परिदृश्य को बनाये रखा जाता है, तब हाल की गिरावट को देखते हुए बाजार में तेजी आ सकती है…।’’
एशिया के अन्य बाजारों में हांगकांग का हैंगसेंग, दक्षिण कोरिया का कॉस्पी, चीन का शंघाई कंपोजिट सूचकांक और जापान का निक्की नुकसान में रहे।
यूरोप के प्रमुख बाजारों में भी शुरूआती कारोबार में गिरावट का रुख रहा।
अंतरराष्ट्रीय तेल मानक ब्रेंट क्रूड का भाव 0.93 प्रतिशत बढ़कर 102 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया।
शेयर बाजार में उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार विदेशी संस्थागत निवेशकों ने बुधवार को 2,279.97 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर बेचे।
भाषा रमण पाण्डेय
पाण्डेय
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