मुंबई, 18 फरवरी (भाषा) घरेलू शेयर बाजारों में उतार-चढ़ाव भरे कारोबार के बीच शुक्रवार को लगातार तीसरे दिन गिरावट रही और बीएसई सेंसेक्स 59 अंक टूटकर बंद हुआ। पूर्वी यूरोप में व्याप्त भू-राजनीतिक अनिश्चितताओं के बीच एशिया के अन्य बाजारों में गिरावट को देखते हुए निवेशकों ने सतर्क रुख अपनाया।
कारोबारियों के अनुसार विदेशी निवेशकों की बिकवाली जारी रहने और दुनिया के विभिन्न केंद्रीय बैंकों की तरफ से नीतिगत दरें बढ़ाने की आशंका से कारोबारी धारणा कमजोर रही।
तीस शेयरों पर आधारित सेंसेक्स में कारोबार के दौरान करीब 700 अंक का उतार-चढ़ाव आया। अंत में यह 59.04 अंक यानी 0.10 प्रतिशत की गिरावट के साथ 57,832.97 अंक पर बंद हुआ।
इसी प्रकार, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 28.30 अंक यानी 0.16 प्रतिशत की गिरावट के साथ 17,276.30 अंक पर बंद हुआ।
मुख्य रूप से अल्ट्राटेक सीमेंट, महिंद्रा एंड महिंद्रा, इन्फोसिस, रिलायंस इंडस्ट्रीज, बजाज फाइनेंस और नेस्ले में 1.88 प्रतिशत तक की गिरावट से सेंसेक्स नुकसान में रहा।
दूसरी तरफ, लाभ में रहने वाले शेयरों में एचडीएफसी लि. का शेयर 1.25 प्रतिशत चढ़कर सबसे लाभ में रहा। इसके अलावा, एल एंड टी, एक्सिस बैंक, एसबीआई, डा. रेड्डीज, कोटक बैंक और एचडीएफसी बैंक भी प्रमुख रूप से लाभ में रहे। सेंसेक्स के 17 शेयर नुकसान में रहे।
जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ‘‘फेडरल ओपन मार्केट कर्मेटी (एफओएमसी) की बैठक का ब्योरा जारी होने के साथ वॉल स्ट्रीट में बृहस्पतिवार की बिकवाली का असर पड़ा और घरेलू बाजार गिरावट के साथ खुला। अमेरिकी विदेश मंत्री की रूस के विदेश मंत्री के साथ बैठक को लेकर बनी सहमति से कुछ तेजी आयी लेकिन अंतिम कुछ घंटों में बिकवाली का जोर होने से बाजार नुकसान में बंद हुआ।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मौजूदा वैश्विक रुख के कारण वैश्विक शेयर बाजारों में उतार-चढ़ाव बना हुआ है। आने वाले दिनों में घरेलू बाजार में भी उतार-चढ़ाव की प्रवृत्ति बनी रह सकती है।’’
साप्ताहिक आधार पर सेंसेक्स 319.95 अंक यानी 0.55 प्रतिशत नुकसान में रहा जबकि निफ्टी में 98.45 अंक यानी 0.56 की गिरावट रही।
जूलियस बेअर के कार्यकारी निदेशक मिलिंद मुचाला ने कहा, ‘‘अमेरिकी फेडरल रिजर्व के कदम को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है। मुद्रास्फीति की ऊंची दर को देखते हुए मार्च की मौद्रिक नीति में नीतिगत दर में 0.50 प्रतिशत वृद्धि की आशंका है। इसका असर बाजार पर पड़ रहा है। इसके अलावा रूस और यूक्रेन के बीच जारी तनाव को लेकर भू-राजनीतिक गतिरोध से भी धारणा पर प्रतिकूल असर पड़ा है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘इन सबके कारण कच्चे तेल की कीमत बढ़ रही है और अमेरिकी डॉलर मजबूत हो रहा है। ये सब चीजें बाजार को प्रभावित कर रही हैं। विदेशी संस्थागत निवेशक बाजार में बिकवाल बने हुए हैं।’’
रूस-यूक्रेन को लेकर तनाव के बीच एशिया के अन्य प्रमुख बाजारों में मिला-जुला रुख रहा।
हालांकि यूरोप के प्रमुख बाजारों में दोपहर कारोबार में तेजी का रुख था।
इस बीच, वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड वायदा 2.19 प्रतिशत गिरकर 90.93 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया।
अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपये की विनिमय दर 40 पैसे बढ़कर 74.66 पर पहुंच गयी।
शेयर बाजार के आंकड़े के अनुसार विदेशी संस्थागत निवेशकों ने बृहस्पतिवार को 1,242.10 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर बेचे।
भाषा रमण प्रेम
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